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बेरोजगार लोगों का कहना रेमडेसिविर ,दवाइयों के आलावा रोजगार ना मिलने से भी मर जाएगें, मजदूर

इंदौर। मध्यप्रदेश में जनता कर्फ़्यू की वजह से कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिली है, तो वहीं दूसरी ओर इस कर्फ्यू के चलते कई लोगों का रोजगार भी छीन गया है। कुछ ऐसा इंदौर में भी देखने को मिला है, जिसके चलते बेरोजगार युवकों ने मंगलवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

नगर निगम और सरकार के लिखाफ प्रदर्शन हुआ

कोरोना महामारी में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगा चुकी है। इसी के चलते मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के लिए जीवन यापन करना एक संघर्ष के रूप में हो गया है। रोज इस्तेमाल में आने की आवश्यक वस्तुओं के लिए आम आदमी को संघर्ष करना पड़ रहा है। इसी के चलते शहर के मूसाखेड़ी क्षेत्र में हजारों की संख्या में मजदूरों द्वारा उग्र आंदोलन किया जा रहा है। मजदूरों ने बताया कि सरकार के द्वारा जो गाइडलाइन दी गई उसके अंतराल भी अगर युवा सब्जी के ठेले से लेकर अन्य दुकानों पर नगर निगम मनमानी कर रही है और मजदूरों को ठेला नहीं लगाने दिया जा रहा है। जिसके चलते युवा वर्ग सड़कों पर उतर आया है। मंगलवार को भी मूसाखेड़ी पर कई बेरोजगार युवकों द्वारा सड़को पर विरोध प्रदर्शन किया गया। उनका कहना था कि नगर निगम के अधिकारी ठेले वालों से गुंडे बदमाशों की तरह बर्ताव करती है।

बेरोजगार युवकों ने एक जुट होकर चेतावनी दी है कि मुख्यमंत्री जल्द से जल्द बेरोजगार युवाओं को रोजगार दें। क्योंकि अब आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। रेमडेसिविर इंजेक्शनों व दवाइयां ना मिलने से ही इंसान नहीं मर रहा है। अगर जल्द ही सरकार ने हमें रोजगार नहीं दिया तो मजदूर भूख से भी मर जाएगा। यदि इस स्थिति को सरकार नियंत्रण में नहीं लाती तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा ।

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