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उज्जैन में अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची टीम विरोध होने पर बैरंग लौटी

उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेशानुसार प्रदेश भर में गुंडे, माफियाओं और खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालो के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है इसी क्रम में उज्जैन में हर रोज किसी बड़े अपराधी के अवैध बने मकान, टीन शेड, दुकान, बाड़े और अन्य अवैध निर्माण कार्य को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है, गुरुवार दोपहर भी जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और नगर निगम द्वारा शहर के महाकाल थाना क्षेत्र के अपराधी व कूख्यात बदमाश मंजूर मोहम्मद के महाकाल घाटी स्थित मकान व पतंग की दुकान को जमींदोज करने की कार्रवाई को अंजाम देने टीम पहुँची लेकिन निगम व पुलिस टीम अपनी एक गलती से घिर गई और कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा।

कई मामलो में आरोपी मंजूर मोहम्मद का तोड़ना था मकान

दरअसल निगम अधिकारी की माने तो उन्हें जिला प्रशासन द्वारा एक सूची मिलती है जिसके आधार पर हर रोज किसी अपराधी के अवैध बने मकान को तोड़ने की कार्रवाई पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुँच कर की जाती है उसी आधार पर निगम टीम महाकाल घाटी क्षेत्र थाना महाकाल अंतर्गत मंजूर मोहम्मद के घर पहुँची जिसके ऊपर जिले के अलग अलग थानों में आधा दर्जन से अधिक अपराध पंजीबद्ध है। निगम व पुलिस की संयुक्त टीम जब मौके पर पहुँची तो परिजनो ने थाना प्रभारी दिनेश प्रजापत को डॉक्यूमेंट दिखाए जिसको थाना प्रभारी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि ये सब नकली है और यह जगह खाली करो कार्रवाई करना है।

दूसरे नाम से निकले मकान के दस्तावेज

कार्रवाई के दौरान मकान व दुकान के ताले तोड़ दिया व भारी नुकसान कर दिया लेकिन जब विरोध उग्र होने लगा तो अधिकारी भी अलर्ट हो गए और व्यवस्था संभालने में जुट गए इस बीच कुछ राजनीतिक नेताओ का मौके पर जमावड़ा लग गया। डॉक्यूमेंट को कायदे से देखा तो उसमे किसी और के नाम पर मकान होना पाया गया उसके बाद महाकाल चौराहे पर सड़क चौड़ीकरण और महाकाल मंदिर क्षेत्र विस्तारीकरण के नाम पर कॉले झंडे दिखाए गए तो माहौल बन गया और निगम व पुलिस टीम द्वारा होने वाली कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा।

मकान स्वामित्व मंजूर के परिजन सैय्यद आरिफ अली ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना नोटिस के टीम हमारे घर आ गई टीम हमारे नाम का नोटिस होता तो हम एक्शन लेते, हमने कोई एक्शन नहीं किया, टीम ने मकान दुकान में तोड़-फोड़ कर नुकसान कर दिया जिसकी हम शिकायत करेंगे। मैने अपने मकान के डॉक्यूमेंट भी टीम को दिखाए लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था।

मकान मालिक से निगम ने मांगे दस्तावेज

निगम अधिकारी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा जो हमारे पास जिला प्रशासन की और से सूची आई थी मकान को तोड़ने की उसके नाम मे और इनके पास डॉक्युमनेट में दर्ज नाम मे अंतर होने की वजह से कार्रवाई को रोका गया है। इनसे दस्तावेज मांगे गए है परीक्षण किया जा रहा है, मीडिया ने कार्यवाई के दौरान कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं की मौजूदगी होने पर प्रश्न किये तो निगम अधिकारी सकपका गए और टालमटोल करने लगे कि ऐसा कुछ नही है कोई राजनैतिक दबाव नहीं है। कार्यवाई मंजूर के घर ही होना थी नाम भी मंजूर का ही चिन्हित किया गया था लेकिन यहां कोई साबरा बी के नाम से मकान होना पाया गया।

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