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Tokyo Olympic: सोने, चांदी और कांसे की चमक के साथ उम्मीदों और उपलब्धियों से भरा रहा भारत का सफर

Tokyo Olympic: टोक्यो। टोक्यों में 17 दिनों तक चलने वाला ‘खेलों का महाकुंभ’ का 8 अगस्त को समाप्त हो गया। खेलों के इस महाकुंभ में भारत सातवें आसमान पर रहा। एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार कांस्य पदकों के साथ भारत पदक तालिका में 48वें स्थान पर रहा। रविवार को समापन समारोह में कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने तिरंगा थामकर भारतीय दल की अगुवाई की। उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों ने जहां पारंपरिक पोशाक पहनी थी। वहीं वे समापन समारोह में खिलाड़ी ट्रैक सूट पहने हुए नजर आए। समापन समारोह में कुछ ही खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम भारत के ध्वजवाहक थे। गौरतलब है कि खेलों का यह उत्सव हम सभी के लिए है और यह इस बात को प्रमाणित करता है कि उम्मीद की एक किरण हमेशा जिंदा रहती है। यह ओलंपिक खेल दूसरों से बिल्कुल अलग रहा। कोरोना महामारी के इस दौर के बीच हमने जो महसूस किया वो शायद ही हमने पहले कभी किया था। मगर हमने साथ में मिलकर इसे साकार कर दिखाया। इस खेलों के महाकुंभ में 205 देश, 33 खेल, 339 इवेंट्स और 11 हजार से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया।

बेहतर रहा भारत का प्रदर्शन

टोक्यो ओलंपिक का समापन हो चुका हैं। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत इस बार ओलंपिक इतिहास में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगा और ऐसा हुआ भी। मेरीकॉम और अमित पंघाल जैसे कई बड़े खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद भी भारत ने खेलों के इस महाकुंभ को अपना सबसे सफल ओलंपिक बना दिया। भारत के नाम अब तक कुल 35 पदक हैं। इनमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं। सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक भारत की हॉकी टीम ने जीते हैं। देश के नाम व्यक्तिगत स्पर्धा में दो गोल्ड हैं, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान शूटिंग और इसी साल नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में जीता है। सबसे बेहतरीन ओलंपिक अभियान की बात करें, भारत ने 2012 लंदन आलंपिक को पीछे छोड़ते हुए टोक्यो ओलंपिक में 7 पदक अपने नाम किए हैं। इससे पहले लंदन में भारत के नाम कुल छह पदक थे।

चानू ने दिलाया पहला पदक

भारत को टोक्यो में पहला पदक मीराबाई चानू ने दिलाया। उन्होंने भारत्तोलन में देश के लिए रजत पदक जीता। स्नैच के बाद मीराबाई चानू दूसरे नंबर पर थीं। इसके बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई चानू 110 किग्रा उठाने में कामयाब रहीं। मीराबाई ने 49 किग्रा वर्ग में दूसरा स्थान हासिल कि इस स्पर्धा का स्वर्ण चीन की जीहोई होउ ने जीता है।

पीवी सिंधू ने रचा इतिहास

बैडमिंटन में भारत के लिए पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। इसी के साथ सिंधु ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। इससे पहले सुशील कुमार को कुश्ती में दो पदक मिले थे।

हॉकी: एक कांस्य पदक जीता

इस बार भारत की पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक हॉकी में पदक जीता। इससे पहले भारत ने 1980 में स्वर्ण पदक जीता था। टोक्यो में भारत की महिला हॉकी टीम ने भी शानदार खेल दिखाया और पहली बार चौथे स्थान पर रही।

बॉक्सिंग: कांस्य पदक से संतोष

पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना बोरगोहेन को 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, वे खाली हाथी देश नहीं लौटेंगी। उन्होंने भारत की झोली में कांस्य पदक तो डाला ही। अगर वे सेमीफाइनल मुकाबला जीत जातीं, तो पहली बार कोई भारतीय बॉक्सर ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक की दावेदारी पेश करता।

कुश्ती: रवि को रजत, बजरंग ने कांस्य जीता

कुश्ती (फ्री स्टाइल) में रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीतकर भारत की झोली में एक और पदक डाला। इसके अलावा बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीतकर कुश्ती में भारत का बोलबाला साबित किया। इसके अलावा दीपक पुनिया ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि, वे भारत के लिए कोई पदक नहीं जीत पाए।

एथलेटिक्स: टोक्यो में भारत को पहला गोल्ड मिला

भारत को सबसे बड़ी सफलता उम्मीद जैवलिन थ्रो में हासिल हुई। नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में 13 साल बाद भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। यही नहीं, 121 साल में पहली बार भारत को ट्रैक एंड फील्ड में स्वर्ण पदक हासिल हुआ। नीरज ट्रैक एंड फील्ड में सोना जीतने वाले पहले भारतीय भी हैं।

पदक के साथ टोक्यो ओलंपिक सबसे बेहतरीन रहा

टोक्यो से पहले भारत का सबसे सफल ओलंपिक 2012 लंदन ओलिंपिक रहा था। इसमें भारत ने दो रजत और चार कांस्य समेत कुल छह पद अपने नाम किए थे। 2008 बीजिंग में टीम इंडिया ने एक स्वर्ण और दो कांस्य समेत तीन पदक जीते थे। इस तरह टोक्यो में 7 पदक जीतकर भारत ने लंदन को भी पीछे छोड़ दिया।

छह ओलंपिक में खाता भी नहीं खुल सका

भारत ने अब तक 24 ओलंपिक में हिस्सा लिया है। इसमें से छह ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीत सका। 1896 से मॉडर्न ओलंपिक गेम्स आयोजित हो रहे हैं। तब से दुनिया ने अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे देशों को महाशक्ति के तौर पर देखा।

महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल

भारतीय महिला टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। भारतीय टीम अपने ओलंपिक इतिहास में पहली बार चौथे स्थान पर रही। उसे सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी और फिर प्ले आॅफ मुकाबले में ब्रिटेन को कड़ी टक्कर देकर हारीं।

गोल्फ में पहली बार चौथे स्थान पर

भारत की युवा गोल्फर 23 वर्षीय अदिति अशोक ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन आखिरी दिन पदक से चूक गईं। हालांकि हार के बावजूद अदिति ने इतिहास रचा। 200वीं रैंकिंग वाली अदिति ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली पहली भारतीय महिला गोल्फर बन गईं हैं।

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