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रेनकोट पहनकर झुंड में घरों में धावा बोल रहे हैं चोर, आदिवासी अंचल से आकर कर रहे हैं वारदात

इंदौर। सिंडिकेट गोलीकांड के बाद इंदौर पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। अब तक 500 ज्यादा बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन आसपास के जिलों से आने वाली चोर गैंग ने खाकी की नाक में दम कर रखा है। ये शातिर बदमाश चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए नए-नए पैतरे आजमा रहे हैं। बदमाश अब रेनकोट पहनकर झुंड में आ रहे हैं और चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं।

आदिवासी अंचल से हैं आरोपी

घटना के बाद इनका तलाश मुश्किल होता जा रहा है। बाणगंगा थाना क्षेत्र की प्रीमियम पार्क कॉलोनी में रहने वाली एक युवती के सूने घर को चोरों ने उस समय निशाना बनाया, जब वह पीएससी की परीक्षा देने उज्जैन गई थी। चोरों ने रैकी कर सूने मकान की पहचान की और रात में ताले चटकाकर हजारों रुपए का माल ले उड़े। इन बदमाशों की होशियारी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस अब हुलिया के आधार पर आरोपी की तलाश कर रही है। युवती ने रिपोर्ट दर्ज करवाकर बताया कि उसके घर में रखे नगदी और आभूषण चोरी हो गए। लगभग 12 लाख रुपए नगद और स्वर्ण आभूषण थे। सूत्रों की माने तो आदिवासी अंचल से झुंड में आकर चोरी की वारदात को अंजाम देना और फिर मारपीट कर भाग जाना धार जिले के कुछ चिन्हित गांव की खास प्रणाली है। घने जंगल में बसे अपराधियों के गांव में पुलिस आसानी दबिश भी नहीं दे पाती है।

मोबाइल से ऑनलाइन चैकिंग

उसने उज्जैन से ही घर में लगे कैमरों को अपने मोबाइल फोन से ऑनलाइन चैक किया, तो वह अपनी दिशा के विपरीत नजर आए। इसके बाद जब वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ घर पहुंची तो होश उड़ गए। घर की अलमारी में रखे नगदी और गहने चोरी हो गए थे। पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी खंगाले तो चोर नजर आ गए। भारी बारिश के कारण चोर रैनकोट पहनकर आए थे। इस वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। इंदौर पुलिस के लिए इस तरह की गैंग को रोकना और पकड़ना मुश्किल बना हुआ है। शहर में समय समय पर इस तरह के गैंग आकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। यह आरोपी चोरी डकैती और मारपीट की घटना को अंजाम देते हैं।

सरपंच पर था हजारों का इनाम

धार जिले के बाग, टांडा, जामदा और भूतिया ऐसे गांव हैं, जहां कुख्यात बदमाशों की संख्या ज्यादा है। बीते दिनों धार पुलिस ने इन्हीं गांव में से एक सरपंच को गिरफ्तार किया था, उस पर 60 हजार रुपए का इनाम था। वो कई अपराधों में वांटेड था, बावजूद इसके वह लंबे समय से सरपंच था। इस गांव के लोग एक साथ झुंड में रवाना होते हैं और आसपास के इलाको में जाकर लूटपाट मचाते हैं। चूंकि गांव में आपराधिक प्रवत्ति के अधिक लोग हैं, इसलिए पुलिस भी यहां आने से डरती है। पिछले कुछ समय का ट्रेक रिकॉर्ड है की यहां जब भी अचानक पुलिस पहुंचती है, तो उस पर हमला कर दिया जाता है। लिहाजा उन्हें न तो चोरी का माल और न ही आरोपी मिलता है।

कार लेकर फरार

इस तरह की गैंग की दहशत की दस्तक कुछ दिन पहले गांधी नगर में हुई थी। यह हथियारों से लैस थे। हालांकि जब यह वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे, उसी समय इनका पुलिस से आमना सामना हो गया था। पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हुए ललकारा था, तो वह पुलिस को चुनौती देते हुए भाग खड़े हुए थे, उसके कुछ दिन बाद यह गैंग शहर के आसपास के इलाकों में देखी गई, फिर कुछ समय पहले उन्होंने राजेंद्र नगर की एक कॉलोनी को निशाना बनाया। वह एक घर में दाखिल हो रहे थे कि उससे पहले एक कार का अलार्म बज गया, तो वह कार लेकर फरार हो गए. यह घटना भी सीसीटीवी में कैद हो गई।

चोरी और मारपीट

इन बदमाशों के हाथ में धारदार हथियार भी थे, इससे पहले ही एक नामी टाउनशिप में भी डकैती की वारदात हुई थे, यहां बदमशों ने घर में रहने वाले सदस्यों के साथ मारपीट भी की थी। वह गंभीर घायल भी हुए थे, हालांकि उनमे से कुछ आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया कुछ अब भी फरार हैं। इसके अतिरिक्त कुछ समय पूर्व एरोड्रम में भी एक टाउनशिप में एक घर को बदमाशों ने निशाना बनाया था, यह भी बदमाशों ने मारपीट की थी।

अलसुबह दबिश

पुलिस के लिए इस गैंग को पकड़ना आसान नहीं है, उसे आशंका है कि प्रीमियम पार्क कॉलोनी में हुई चोरी में भी इसी गांव के अपराधी शामिल थे। इंदौर पुलिस ने इस गैंग से परेशान होकर धार जिले के एक गांव में दबिश दी थी। इस दबिश में एक सैकड़ा से अधिक पुलिस बल इंदौर और धार का मौजूद था, तब जाकर पुलिस रात चार बजे इस गांव में दाखिल हुई थी और उसके हाथ एक कुख्यात बदमाश लगा। यह बदमाश बीते दिनों एरोड्रम थाना इलाके में हुई डकैती का वांछित बदमाश था। राजेंद्र नगर से चोरी हुई कार भी इस गांव में लावारिस मिली थी।

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