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सदैव स्वत: झूलता है मां विंध्यवासिनी के दरबार में लगा घंटा

अशोकनगर। तूमैन स्थित मां विंध्यवासिनी के चमत्कारों की वैसे तो लंबी फेहरिस्त है लेकिन यहां आकर श्रद्धालु सबसे अधिक आश्चर्यचकित मां के दरबार में लगे चमत्कारी घंटा को देखकर होते हैं। आखिर वो कोनसा चमत्कार है जो भक्तों को माता के दरबार तक खींच लता है।

तूमैन नगरी राजा मोरध्वज की थी। राजा मोरध्वज के पोते तुंगध्वज के नाम पर इस नगरी का नाम तूमैन पड़ा है। यह भी कहा जाता है कि तूमैन नगरी प्राचीन नगरी तुम्बवन के ऊपर बसी हुई है। खुदाई के दौरान यहां पर पुरातत्व विभाग को भी पुरा संपदा मिली है। लेकिन माता रानी के दरबार में लगे इस घंटे की बात करें तो यह घंटा हमेशा अपने आप झूलता है। यहां आने वाले श्रद्धालु भी मानते हैं कि ये मां का ही चमत्कार है जो यह घंटा स्वत: ही दोलन करता है।

मंदिर के पुजारी लखनबिहारी मिश्र बताते हैं कि मंदिर का निर्माण कब और किसने किया इस बारे में पक्के तौर पर दावा नहीं किया जा सकता परन्तु यह मंदिर कम से कम एक हजार वर्ष पुराना है। चमत्कारी घंटे के बारे में पुजारी जी के पुत्र रासबिहारी मिश्र ने बताया कि ये तो मां का चमत्कार है। जब भी इस घंटे पर निगाह जाएगी तो आपको यह हिलता हुआ ही नजर आएगा। यदि कोई इसको थाम भी लेता है तो छोडऩे के बाद यह स्वत: चलने लगता है।

उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय से महज 9 किमी दूर पौराणिक नगरी तूमैन अपने धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के लिए विशेष स्थान रखती है। यहां स्थित मां विंध्यवासिनी का प्रसिद्ध मंदिर है जहां सालभर श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। लेकिन नवरात्रि में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है।

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