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Subhas Chandra Bose: ‘भारत लाए जाएं नेताजी के अवशेष’, पिता की जयंती पर बेटी की गुहार, जानें कब हुई थी सुभाष चंद्र बोस की मौत

Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: देश की आजादी की लड़ाई को नई उर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 23 जनवरी जयंती मनाई जा रही है. उनकी बेटी अनीता बोस फाफ ने भी उन्हें याद किया. उन्होंने कहा कि जो लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रशंसा करते हैं वह अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत कामों में भी उनके मूल्यों को बरकरार रखकर उन्हें सर्वश्रेष्ठ सम्मान दे सकते हैं।

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अनीता बोस नेताजी इकलौती संतान हैं. उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के अवशेषों को भारत वापस लाने का भी आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि नेताजी ने सभी धर्मों के सदस्यों के लिए समान अधिकारों वाले भारत और एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की परिकल्पना की थी जहां सभी धर्मों के लोग शांति से एक साथ रहेंगे।

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अनीता बोस ने कहा कि नेताजी ‘सभी धर्मों, जातियों और सभी सामाजिक स्तरों के सदस्यों के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए समान अधिकार, अवसर और कर्तव्य’ में विश्वास करते थे. इसका मतलब सभी वंचित लोगों का सशक्तिकरण और मुक्ति है. एक व्यक्ति के तौर पर नेताजी एक धार्मिक व्यक्ति थे. वह चाहते थे कि स्वतंत्र भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बने।

Subhas Chandra Bose | Biography & Facts | Britannica

उन्होंने लिखा, मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि मेरे पिता नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक प्रतिमा का अनावरण 8 सितंबर, 2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। मेरे पिता ने भारत की स्वतंत्रता के लिए निस्वार्थ रूप से लड़ाई लड़ी। उन्होंने भारत की स्वंतत्रता के लिए बलिदान दिया। वह पूरे भारत और सभी देशवासियों के लिए समर्पण का एक उदाहरण हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में या स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार और इंडियन नेशनल आर्मी के नेता के रूप में, उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव व देश की एकता के लिए कार्य किया।

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान हादसे में हुई थी. जापान जाते समय उनका विमान क्रेश हो गया था लेकिन नेताजी का शव नहीं मिला. इसलिए उनकी मौत एक बड़ा रहस्य है जोकि लोगों के मन में कई सवालों को खड़ा करता है.

नेताजी की 127वीं जयंती

नेताजी ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था. नेताजी की 23 जनवरी 2023 को नेताजी की 127वीं जयंती है. उनके विचार लोगो को प्रेरित करने का काम करते हैं. उनका मानना है कि सबसे बड़ा अपराध अन्याय को सहना और गलत के साथ समझौता करना होता है.

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