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7वीं की छात्रा 3 महीने की प्रेग्नेंट, गर्ल्स हॉस्टल में रुटीन चेकअप में हुआ खुलासा

7वीं क्लास की छात्रा। उम्र-13 साल। एक दिन गर्ल्स हॉस्टल में रुटीन मेडिकल चेकअप हुआ। सभी लड़कियों के साथ इस नाबालिग ने भी जांच कराई। जांच में प्रेग्नेंट होने की बात सामने आई। हॉस्टल की वार्डन ने इसकी सूचना सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) को दी। टीम के सदस्यों ने नाबालिग की काउंसिलिंग की। तब गुमसुम सी रहने वाली पीड़िता ने आपबीती सुनाई।

Father Rapes his 8-Year-Old Daughter in Indore, Arrested - Articles

बाल कल्याण समिति ने इस मामले को महिला थाने को सौंप दिया। महिला थाना प्रभारी ने बच्ची से दोबारा पूछताछ की, तो पता चला नाबालिग की मां उसे छोड़कर कहीं और रहती है। पिता का निधन हो चुका है। बहन की शादी हो चुकी है। छोटे भाई के साथ वो रहती है। सबसे पहले पुलिस ने छात्रा की मां को ढूंढा। फिर नाबालिग को मां के साथ भेज कर मेडिकल परीक्षण कराया। उसके बयान को आधार बनाकर मामला दर्ज कर लिया गया।

मेडिकल में यह भी स्पष्ट हो गया कि वह 3 महीने के गर्भ से है। फिलहाल लड़की की बुआ के 40 वर्षीय आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर रेप करने का आरोप है। पीड़िता के भविष्य को देखते हुए उसके पुनर्वास और अस्थायी निवास के लिए भोपाल के बालिका संप्रेक्षण गृह में शिफ्ट किया जाएगा। फिलहाल उसे विदिशा के फर्स्ट स्टॉप सेंटर में रखा गया है।

पढ़िए, छात्रा की दर्दभरी कहानी, उसी की जुबानी…

मैं विदिशा की रहने वाली हूं। सातवीं में पढ़ती हूं। तीन साल पहले पिता का निधन हो गया। भाई पर ही परिवार की जिम्मेदारी आ गई। मेरी देख-रेख और पढ़ाई अच्छे से हो, इसलिए मुझे पढ़ने के लिए सरकारी हॉस्टल में भेज दिया। एक साल तक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। परिवार के सभी लोग मुझसे मिलने भी आते-जाते रहे। सितंबर की छुटि्टयों में मैं घर आई थी। कुछ ही दिन घर पर रही, तभी एक दिन मेरी बड़ी बुआ का लड़का घर पहुंचा। करीब 40 साल उम्र है उसकी।

मैं उनको भैया ही बोलती हूं। भैया से बोला- उसकी मां के हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। घर पर काम करने वाला कोई नहीं है। तुम मेरे घर चलो। उन्होंने बहुत रिक्वेस्ट की। मेरे भाई ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अपने ही अपनों के काम आते हैं। भाई ने ये कहते हुए सहमति दे दी कि कुछ ही दिन की बात है, तुम चली जाओ। जैसे ही बुआ का हाथ ठीक हो जाएगा, तुम वापस आ जाना। इसके बाद भाई ने बुआ की मदद करने के लिए भेज दिया।

बुआ के घर पहुंचने पर पहले दिन तो सभी ने खुशी से मेरा स्वागत किया। बुआ ने भी खूब प्यार लुटाया। दूसरा दिन मेरे जीवन में दर्द का ऐसा सैलाब लाएगा, मैंने सोचा नहीं था। अगले दिन बुआ के लड़के ने कहा- खेत पर बने मकान की साफ-सफाई करनी है, वहीं चलो। मैं उसके साथ खेत पर बने मकान पर चली गई। यहां कोई नहीं रहता था। उसने कुछ खाने के लिए दिया, जिससे मुझे नशा होने लगा। उसके बाद मेरे साथ गंदा काम करने की कोशिश की। मैंने उसका विरोध किया। विरोध करने पर उसने मुझे बहुत पीटा और हाथ-पैर बांध दिए।

गलत काम के बाद वह मुझे वहीं पर छोड़कर चला गया। एक-डेढ़ घंटे बाद वापस लौटा। मेरे हाथ-पैर खोल दिए। जान से मारने की धमकी देते हुए बोला-अगर किसी को यह बात बताई, तो तुझे जान से मार दूंगा। इसके बाद से वह हर रोज मेरे साथ गलत काम करने लगा। दो-तीन दिन तक खेत वाले मकान पर रखा।

इसके बाद उसने गांव वाले मकान पर ही गंदा काम करना शुरू कर दिया। मेरी हालत यह हो गई थी कि मुझे रात-रात भर नींद नहीं आती थी। एक दिन मैंने बुआ को भी बताया, लेकिन उन्होंने भी मुझे चुप करा दिया। किसी को कुछ भी बताने से मना कर दिया। इस कारण मैं बहुत डर गई थी। एक महीने तक दर्द झेलती रही। एक दिन चोरी-छिपे बुआ के लड़के की जेब से मोबाइल निकाल लिया। भाई को फोन कर कहा कि मुझे यहां से ले जाओ। भाई मुझे लेकर घर पहुंच गया।

मेरे साथ बुआ के लड़के ने क्या-क्या किया, मैंने इस बारे में कुछ भी नहीं बताया। इसके कुछ दिनों बाद ही छोटी बुआ के यहां कुछ कार्यक्रम होना था, तो मैं उसमें शामिल होने के लिए पहुंची। यहां पर भी बड़ी बुआ का लड़का पहुंच गया। यहां भी उसने मेरा शोषण किया। छोटी बुआ के कार्यक्रम में शामिल होकर मैं अपने गांव पहुंची, तो भाई ने मुझे वापस हॉस्टल भेज दिया। जनवरी में हॉस्टल वापस पहुंच गई।

मेडिकल टीम ने सीडब्ल्यूसी को तीन महीने की प्रेग्नेंट लड़की के बारे में बताया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष प्रेम सिंह धाकड़ ने कई बार उसकी काउंसिलिंग की, ताकि पूरा सच सामने आ सके। बार-बार की काउंसिलिंग के नतीजे भी सामने आए। लड़की ने अपने साथ हुए घटनाक्रम को एक-एक कर आपबीती बताई।

मामला सामने आने के बाद लड़की का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया। इसके बाद मामला महिला पुलिस को सौंप दिया गया। महिला थाना प्रभारी वंदना मिश्रा ने बताया कि बच्ची की उम्र काफी कम है। ऐसे में आगे कोर्ट के आदेश से ही हो सकेगा। इसके लिए कोर्ट में आवेदन देंगे। कोर्ट के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह धाकड़ ने बताया कि नाबालिग लड़की छात्रावास में रहती थी। छात्रावास और मेडिकल टीम के माध्यम से बाल कल्याण समिति के पास यह पूरा मामला आया है। उसमें उसके साथ शारीरिक शोषण हुआ है। बच्ची जब हमारे पास आई थी तो वह काफी डरी हुई थी, जब उसकी काउंसिलिंग की गई तब पता चला उसका करीबी रिश्तेदार उसे से ले गया था। उसी रिश्तेदार के घर में उसके साथ शारीरिक शोषण हुआ है।

काउंसिलिंग के बाद हमने मामले की जांच करने के बाद पुलिस को आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है। बच्चे के भविष्य को देखते हुए उसके पुनर्वास के लिए अस्थाई निवास के लिए भोपाल के बालिका संप्रेक्षण गृह में शिफ्ट किया जा रहा है। फिलहाल उसे विदिशा के फर्स्ट स्टॉप सेंटर में रखा गया है।

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