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श्री राम जन्मभूमि न्यास के इस ट्रस्टी ने बताई मंदिर के संबंध में बेहद खास बातें

इंदौर। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने इंदौर प्रेस क्लब में मीडिया से चर्चा की।कामेश्वर चौपाल 1989 में राम जन्मभूमि पर शिलान्यास करने वाले पहले दलित व्यक्ति हैं। इनके सान्निध्य में बिरसा मुंडा अभियान वनवासी क्षेत्रों में लोकप्रिय हुआ। वनवासी क्षेत्रों में श्री राम जन्मभूमि अभियान को जन-जन तक पहुंचाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

कामेश्वर चौपाल ने कहा कि श्रीराम जन्म भूमि पर भवन निर्माण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। लॉक डाउन के कारण निर्माण कार्य रुक गया था लेकिन अब काम शुरू हो गया है। 5 अगस्त को श्रीराम जन्म भूमि का शिलान्यास हो चुका है। निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी से प्रारंभ हो गया है और यह 27 फरवरी तक चलेगा।

यह हिंदुस्तानियों की आस्था का मंदिर है

उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी धर्म के लोगों से दान मिल रहा है। यह राष्ट्र मन्दिर है। इसलिए इसमें हिन्दू, सिख, ईसाई, मुस्लिम नहीं जुड़ा है इसमें जुड़ी है हिंदुस्तानियों की आस्था।मंदिर परिसर में कई निर्माण कार्य किए जाएंगे, जहां पर साधु-संत श्रीराम के बारे में अपनी बात कह सके और सत्संग कर सके।

अभी तक श्रीराम जन्म भूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। वहीं विदेशों से भी लोग मन्दिर निर्माण के लिए दान देना चाहते लेकिन सरकार ने अभी इसकी अनुमति प्रदान नहीं की है। सरकार के पास इस संबंध में आवेदन आए हैं। क्योंकि विदेश के कई लोग इस अभियान में अपना योगदान देना चाहते है।

मंदिर निर्माण में पत्थरों का होगा इस्तेमाल

मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों का उपयोग किया जायेगा। इसमें सीमेंट और रेती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंदिर 36 से 40 महिनों में बनकर तैयार हो जाएगा

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