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मेन रोड का फुटपाथ नहीं बनने से दुकानदार और रहवासी परेशान

मेन रोड का फुटपाथ नहीं बनने से दुकानदार और रहवासी परेशान

पांच साल पहले फुटपाथ निर्माण की शुरू हुई थी कवायद, नहीं हुआ अमलबजट में अटका फुटपाथ का काम, धूल फांक रहे लोग

खिरकिया।शहरवासियों को धूल के उड़ते गुबारों की समस्या से मुक्ति नहीं मिल रही है। शहर के मेन रोड पर धूल के गुबार से राहगीरों और दो पहिया वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या मेन रोड पर पीपल चौराहा से थाना चौक और गांधी चौक से खेड़ीपुरा रोड तक पर यातायात का दबाव अधिक होने से ज्यादा होती है।

पांच साल पहले नगर परिषद ने रोड किनारे पक्के फुटपाथ के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था। इसमें शहर में रेलवे गेट के पास से उत्कृष्ट स्कूल तक मेन रोड के दोनों किनारे करीब 90 लाख रुपए की लागत से 1400-1400 मीटर लंबाई के फुटपाथ निर्माण करने की योजना बनाई थी।

ताकि फुटपाथ का निर्माण होने से वाहनों के निकलने के दौरान धूल के गुबार रोड पर कम हो। धूल उड़ने के कारण मेन रोड पर दुकानदारों, राहगीरों और बाइक चालकों को दिक्कतें होती हैं। कई तो हादसों की भी स्थिति बनती है। वहीं खांसी और सांस की शिकायत वाले लोगों को परेशानी बढ़ रही है। वे अस्पताल तक पहुंच रहे हैं। लेकिन इस दिशा में अब तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है।

मेनरोड किनारे है कच्ची सड़क

सड़कों किनारे कहीं भी फुटपाथ नहीं हैं। साइड पट्टी कच्ची होने से धूल हवा चलने और वाहनों के गुजरने से चारों तरफ फैलती है। रोड किनारे फुटपाथ का पक्का निर्माण नहीं होने तक धूल की समस्या बनी है। इस समस्या से व्यापारी और नागरिक परेशान हैं। रोड निर्माण के बाद भी दोनों मार्गों पर धूल से लोगों को पूरी तरह मुक्ति नहीं मिली।

वादा जो नहीं हो सका पूरा

शहर को धूल से मुक्त करने का वादा 2015 में कांग्रेस समर्थित नगर परिषद ने किया था। लेकिन निजात देने का वादा पूरा नहीं हुआ। वाहनों की बढ़ती संख्या व रफ्तार से धूल की समस्या विकराल होती जा रही है। ऐसे में धूल के संपर्क में आने से लोग बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं।नगर परिषद ने तीन साल पहले शहर के मेन रोड किनारे फुटपाथ निर्माण कराने का प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन नप का यह प्रस्ताव बजट में अटक गया। पिछले साल जनवरी में नप का कार्यकाल खत्म भी हो गया। अगस्त से अब नई परिषद का गठन भी हो चुका है, लेकिन फुटपाथ का निर्माण नहीं हुआ। वर्तमान में नगर परिषद से किसी प्रकार का प्रस्ताव भी फिर से शासन को नहीं भेजा गया है। करीब सात साल पहले लोक निर्माण विभाग के माध्यम से सीमेंट कंक्रीट का मेन रोड निर्मित होने के बाद भी धूल से मुक्ति नहीं मिली है। मेन रोड किनारे की खाली जगह से वाहनों के गुजरने पर धूल उड़ती है।

फंड के अभाव में काम शुरू नहीं हो सका

शहर को धूल मुक्त करने रोड किनारे फुटपाथ निर्माण का प्रस्ताव पिछली परिषद में पारित हुआ था। इसमें करीब 90 लाख रुपए की लागत से फुटपाथ निर्माण का प्राकल्लन तैयार किया था। लेकिन फंड के अभाव में काम शुरू नहीं हो सका।

राजेन्द्र श्रीवास्तव, सीएमओ, नगर परिषद, खिरकिया

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