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OBC Reservation पर Shivraj Sarkar का आखिरी दांव

मध्यप्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद मध्यप्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। सरकार OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल कर चुकी है। जिसे स्वीकार कर लिया है।

शिवराज सरकार ने याचिका में ट्रिपल टेस्ट की निकायवार तैयार रिपोर्ट पेश की है। इस आधार पर आरक्षण देने के लिए दावा किया है। यह भी बताया कि पंचायतों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 15 दिन में कैसे पूरी होगी। इस पर सुनवाई 17 मई को होगी। गौरतलब है, इससे पहले अधूरी रिपोर्ट के कारण सुप्रीम कोर्ट ने बगैर OBC आरक्षण के ही स्थानीय चुनाव कराने के आदेश दिए थे।

उधर, राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अब सरकार की याचिका मंजूर होने से फिर से संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। सरकार किसी भी हाल में बगैर आरक्षण चुनाव नहीं कराना चाहती इसलिए उसने आखिरी दांव खेला है। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों का दावा है कि नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के चुनाव 16 जून के बाद हो सकते हैं, जबकि पंचायतों के चुनाव काे लेकर फिलहाल असमंजस की स्थिति है, क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर सरपंच पद तक का आरक्षण होना है। इसमें एक से दो महीने का समय लग सकता है।

राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने OBC को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा था- स्थानीय चुनाव में OBC वर्ग आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट निकायवार नहीं किया है। इस रिपोर्ट का अर्थ नहीं। बिना OBC आरक्षण ही चुनाव कराएं। अब सरकार संशोधन याचिका के माध्यम से ओबीसी वर्ग की निकायवार संख्या की नई रिपोर्ट शीर्ष अदालत में पेश कर रही है।

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