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Shabnam: 7 परिजनों की हत्यारी मां ने बेटे से कहा, ‘अच्छा इंसान बनना’ और स्वयं के बारे में कही ये बात

Shabnam: अपने गुनाहों के लिए मौत का इंतजार कर ही शबनम अपने बेटे को लेकर भावुक हो जाती है और उसको बेहतर इंसान बनने की सीख देती है। शबनम को अपने किए पर पछतावा नहीं है, लेकिन अपने बेटे को लेकर वह हमेशा फिक्रमंद रहती है।

बेटे को देती है अच्छी सीख

अपने प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता सहित सात परिजनों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम अपने बेटे को याद कर अक्सर भावुक हो जाती है। जब 12 साल का उसका बेटा उसके सामने आता है तो वह उसको सीने से लगा लेती है और कहती है कि, ‘ बेटा! पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बनना, मैं बुरी मां हूं मुझे कभी याद मत करना’। जबकि इश्क के जुनून में अंधी शबनम अपने 10 माह के भतीजे का भी कत्ल कर चुकी है। इस वक्त शबनम का बेटा ताज बुलंदशहर के सुशील विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी की हिफाजत में है।

बेटे ताज ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार

शबनम के बेटे ताज ने अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की गुहार राष्ट्रपति महोदय से लगाई है। उसने कहा है कि, ‘राष्ट्रपति अंकल मेरी मां को माफ कर दो’ राष्ट्रपति पहले ही शबनम की दया की अर्जी को खारिज कर चुके हैं। आजाद हिंदुस्तान में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी। शबनम के बेटे को गोद लेने वाले उस्‍मान सैफी के मुताबिक शबनम और उस्मान सैफी एक ही कॉलेज में पढ़ाई करते थे। उस्मान को काफी कोशिशों के बाद बच्चे ताज की परवरिश की जिम्‍मेदारी नसीब हुई।

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