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खरगोन में फिर धारा 144 लागू, 10 जुलाई तक रहेंगे प्रतिबंध

खरगोन। रामनवमी में भड़की हिंसा के बाद खरगोन 24 दिन तक कर्फ्यू में था। आठ दिन पहले ही जिले को राहत मिली थी। अब फिर से जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। ये धारा 10 जुलाई तक प्रभावशील रहेगी।

खरगोन जिले में 10 जुलाई तक के लिए दंड प्रक्रिया की संहिता 1973 के तहत धारा 144 के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा ने एसपी खरगोन के अभिमत पर सहमत होकर जिले की सीमा में सभी प्रकार के राजनीतिक धार्मिक व अन्य प्रकार के सभी रैली, अखाड़े, जुलूस, रात्रि जागरण, तकरीर, शोभायात्रा, धरना प्रदर्शन आदि पर रोक लगा दी है। ये सभी आयोजन सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना नहीं किए जा सकेंगे। कोई भी व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो दंड प्रक्रिया की संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा।

खरगोन में शांति व्यवस्था के लिए प्रशासन ने फिर सख्त कदम उठाया है। सभी तरह के राजनीतिक-धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। बिना अनुमति आयोजन नहीं करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में रैली निकाली थी। आदेश में कहा गया है कि खरगोन सांप्रदायिक रूप से अतिसंवेदनशीन होने से छोटी-छोटी घटनाओं पर तनाव की स्थिति निर्मित हो जाती है। एसपी खरगोन के प्रतिवेदन एवं अभिमत से सहतम होते हुए जिले में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए निम्नांकित प्रतिबंध लागू किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

आदेश एक पक्षीय

अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा ने आदेश के माध्यम से बताया कि चूंकि मेरे समक्ष ऐसी परिस्थिति नहीं हैं और न ही संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति को दी जाए। अत: यह आदेश एक पक्षीय पारित किया जाता है। यह आदेश 10 जुलाई तक प्रभावशाली रहेगा।

मुस्लिम महिलाओं ने निकाली रैली

खरगोन में मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को रैली निकाली और एसपी कार्यालय का घेराव किया। मुस्लिम समाज की महिलाओं ने पुलिस पर दंगों की जांच के नाम पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने एएसपी नीरज चौरसिया के कार्यालय का घेराव किया। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर दंगे से संबंधित कार्रवाई करने के नाम पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया और ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। महिलाओं ने एएसपी नीरज चौरसिया को आपबीती सुनाते हुए कहा कि नाबालिग बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करने और देर रात घरों में घुसकर आरोपियों को ढूंढने की आड़ में पुलिस दुर्व्यवहार कर रही है।

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