Sawan First Somvar 2023: आज यानी 17 जुलाई को सावन महीने का दूसरे सोमवार है। इस दिन दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस सोमवार पर 4 शुभ संयोग हैं। इस दिन श्रावण अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। रुद्राभिषेक के लिए शिववास है। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र है। इतने संयोग होने के कारण इस दिन स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। सोमवार को स्नान-दान का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5:34 बजे से सुबह 7:17 बजे तक है।
इसके बाद शुभ मुहूर्त सुबह 9:01 बजे से सुबह 10:44 बजे तक है। इन शुभ मुहूर्त पर शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, गंगाजल अर्पित करना चाहिए। इससे बल एवं बुद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों एवं दोष से मुक्ति मिलती है।
शाम को प्रदोष काल में करें पूजा
सावन सोमवार में शाम को प्रदोष काल में शिव पूजा करनी चाहिए। इससे तुरंत फल प्राप्त होता है। भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, गाय का दूध, गंगाजल, भस्म, अक्षत, फूल-फल, नैवेद्य चढ़ाना चाहिए। इस दिन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें। शिव चालिसा, शिव रक्षा स्तोत्र पढ़ें। शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।
दूसरे सोमवार पर पूजन विधि
सूर्योदय से पहले स्नान करके उस स्थन पर गंगाजल छिड़कें, जहां पर शिवलिंग की पूजा करनी है। फिर सोमवार व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव का अभिषेक करें। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, रोली, मौली, चावल, चीनी, सफेद, चंदन, सफेद आंक के फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र, चमेली के फूल, मिठाई, फल, तिल चढ़ाएं। इसके बाद मां पार्वती को सोलह शृंगार का सामान चढ़ा दें। धूप, दीप, भोग लगाकर सोमवार व्रत की कथा पढ़नी चाहिए। भगवान शिव का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय का जाप करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
भगवान भोलेनाथ को चढ़ाएं ये फूल
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष फूलों को चढ़ा सकते हैं। सफेद फूल, अपराजिता का फूल, धतूरे का फूल, आक का फूल, चमेली का फूल, बेला का फूल, हरसिंगार का फूल अर्पित करें।