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कंगाल पाकिस्तान की झोली में सऊदी अरब ने डाले 3 अरब डॉलर

पाकिस्तान इन दिनों बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश मे महंगाई आसमान छू रही है, अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है। विदेशी मुद्रा बैंक खाली है और पाकिस्तान की आवाम मौजूदा सरकार से त्रस्त हो चुकी है। ऐसे में सऊदी अरब पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में 3 अरब डॉलर जमा कर रहा है, ताकि नकदी की तंगी से जूझ रहे इस देश को विदेशी मुद्रा भंडार के लिए मदद दी जा सके. ये घोषणा मंगलवार को सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट ने की है। इससे पहले पाकिस्तान को विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) तक हर जगह निराशा का सामना करना पड़ा है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकलने के कारण उसके लिए ऋण लेना ही एक बड़ी चुनौती बन गई है। जिसके चलते देश में महंगाई आसमान छू रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब के फंड फॉर डेवलपमेंट की ओर से घोषणा की गई है कि वह पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर जमा कर रहा है, जिससे पाकिस्तान की मदद की जा सके और विदेशी मुद्रा की कमी को पूरा किया जा सके। रिपोर्ट में  यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब की ओर से पाकिस्तान को इस साल तेल उत्पादों के व्यापार के वित्तपोषण के लिए 1.2 अरब डॉलर दिया जाएगा। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी व ऊर्जा मंत्री अहमद अजहर ने सऊदी अरब से मिली मदद की पुष्टि की है।  23 से 25 अक्तूबर तक इमरान खान का सऊदी जाना काम आ गया है। कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए वह सऊदी गए थे। रियाद में मिडल ईस्ट ग्रीन इनिशियेटिव सम्मेलन में भी शामिल हुए। इमरान के इस दौरे के तुरंत बाद सऊदी अरब की ओर से आर्थिक मदद की घोषणा कर दी गई। 

पिछले दिनों पाकिस्तान और सऊदी अरब की रिश्तों में खटास आ गई थी। दरअसल, सऊदी अरब ने भारत के खिलाफ कश्मीर मुद्दे पर कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की ओर से सऊदी अरब को चेतावनी जारी की गई थी, इसी के बाद से दोनों देशों के बीच तकरार सामने आई थी। 

पहले दी थी 6 अरब डॉलर की मदद

इससे पहले सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी. इसमें 3 अरब डॉलर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में जमा किए गए और बाकी के 3 अरब डॉलर वार्षिक आधार पर तेल सुविधा के लिए दिए गए. बीते साल पाकिस्तान और सऊदी अरब की दशकों पुरानी दोस्ती में उस वक्त दरार आ गई थी, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब को चेतावनी दे दी थी. इसकी वजह ये थी कि सऊदी अरब कश्मीर के मामले में भारत के खिलाफ खड़ा नहीं हुआ था. इसी बात से कुरैशी नाराज हो गए थे.

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