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मार्च में आएगा दिल्ली से स्वच्छता सर्वेक्षण दल, बाधाओं को दूर करने में जुटे निगम अधिकारी

इंदौर। स्वच्छता की जांच पड़ताल करने मार्च में सर्वेक्षण दल इंदौर आएगा। शहर की सफाई का सालाना सर्वेक्षण अब जनवरी की जगह मार्च में होगा। कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 को दो माह आगे बढ़ा दिया है। अब स्वच्छता सर्वेक्षण मार्च में होगा। पहले यह सर्वेक्षण 4 से 31 जनवरी के बीच हो रहा था, लेकिन कोविड के चलते पिछले साल से उसमें परिवर्तन कर मार्च में कर दिया गया। सर्वेक्षण को लेकर इंदौर नगर निगम की टीम पूरी तरह से तैयार हैं। अब तक जो सर्वेक्षण 6 हजार का अंक था वो अब बढ़कर साढ़े सात हजार का हो गया है।

यानी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में 7500 अंक है, जिसमें से देशभर के शहरों को मार्किंग होगी। देश में पंच लगाकर नंबर वन स्वच्छ शहर का ताज हासिल करने वाले इंदौर नगर निगम ने स्वच्छता का छक्का लगाने की तैयारी शुरू कर दी हैं। सूत्रों की माने इस तैयारी में थोड़ी खामियां थी, जिसे दुरुस्त करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। ऐसे में अचानक दिल्ली से आए लेटर के बाद नगर निगम ने राहत की सांस ली है। क्योंकि जनवरी में होने वाले मुख्य सर्वेक्षण की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। अब मुख्य सर्वेक्षण के लिए दिल्ली की टीम जनवरी में नहीं बल्कि मार्च में आएगी। इसे लेकर इंदौर नगर निगम ने राहत की सांस ली है। साथ ही वाटर प्लस और सेवन स्टार के निरीक्षण के लिए मार्च अप्रैल की तारीख तय है। ये निर्णय स्वच्छ भारत अभियान के तहत चल रहे स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के तहत लिया गया है, जिसमें कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया है।

कुछ स्थानों की स्थिति बनी हुई है बुरी

चार साल से मुख्य सर्वेक्षण 4 से 31 जनवरी के बीच हो रहा था, लेकिन पिछले साल की तरह अब 1 से 28 मार्च के बीच होगा। इस दौरान इंदौर नगर निगम भी अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर सकेगा। साथ ही जहां पर लापरवाही मिल रही है वहां पर दंडित करने की कार्रवाई की जा सकेगी। देश दुनिया में इंदौर ने पांच बार नंबर वन शहर का ताज चार बार हासिल कर इतिहास रच दिया है। अब स्वच्छता का छक्का लगाने की तैयारी है। ऐसे में शहर भर में नियमित झाडूÞ लग रही है और सफाई भी हो रही है, लेकिन कुछ स्थानों को थोड़ा नजर अंदाज किया जा रहा है। इसी तरह शौचालय व मूत्रालय की बुरी स्थिति बनी हुई है। यहां न तो सफाई होती है और न ही पानी की व्यवस्था है।

फाइन के बावजूद क्षेत्र में पसरी रहती हैं गंदगी

नगर निगम द्वारा सफाई और स्वच्छता को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं। लगातार निगम की ओर से गंदगी फैलाने वालों पर कार्यवाई की जा रही है, लेकिन शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां गंदगी पसरी रहती हैं। जोन 10 में ही आने वाले वार्ड क्रमांक 39 जो खजराना में आता है उसके हालत सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। वहां अभी भी लोगों द्वारा सड़कों के आसपास-बगीचे के पास कचरा फेंका जा रहा है, लेकिन शिकायत के बाद भी निगम अधिकारियों द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है और न ही कचरा समय पर उठाया जाता है। इतना ही नहीं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन भी कई स्थानों पर एक से दो दिन छोड़कर आते हैं, जिसके कारण लोगों द्वारा कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है। नगर निगम द्वारा शहर में किसी भी प्रकार का कचरा व गंदगी करने वालो के विरूद्ध स्पॉट फाइन की कार्रवाई की जाती है। इसको लेकर आयुक्त द्वारा समस्त स्वास्थ्य अधिकारी, सीएसआई, सहायक सीएसआई व दरोगा को अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में लगतार स्वच्छता की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।

यातायात में भी नंबर वन आने की तैयारी में इंदौर

नगर निगम प्रशासन द्वारा यातायात पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक सुधार के लिए बड़ी सर्जरी कर रही हैं। जानकारों के अनुसार शहर के 214 प्रमुख चौराहों को ठेले-गुमटियों से मुक्त करवाने के साथ ही पुल पुलिया और चौराहों के सौ मीटर की परिधि में किसी की भी दुकानदारी नहीं चलने की योजना हैं। दरअसल यातायात में भी इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाए जाने के लिए लगभग 214 चौराहों का विकास किया जाना जरुरी है। इनमें देवास नाका से राऊ बायपास तक जहां 34 चौराहें हैं वहीं देवास नाका से राजीव गांधी चौराहा रिंगरोड़ तक 14 चौराहें हैं। इसी प्रकार मध्यपूर्व क्षेत्र के छावनी से चंदननगर तक 15 चौराहे, महाराजा यशवंत राव हास्पिटल से एमजी रोड़ के राजमोहल्ला चौराहे तक 22 चौराहें, रेलवे स्टेशन क्षेत्र के 14 चौराहों के साथ ही पूर्वी एवं पश्चिमी क्षेत्र के 11 अन्य चौराहें भी विकसित किये जाने के लिए चिन्हित किये गये हैं। जहां यातायात की दृष्टि से निगम यातायात पुलिस के साथ मिलकर सर्जरी कर रही हैं। जानकारों के अनुसार कुछ समय पहले नगर निगम और यातायात पुलिस की एक संयुक्त बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लिया गया कि पुल पुलियाओं के उतार चढ़ाव वाले हिस्सों और चौराहों के आसपास ठेले-गुमटियां नहीं दिखई दें। जिन चौराहों पर लैफ्ट टर्न पर अतिक्रमण है उन्हें भी तत्काल हटाया जाए साथ ही शहर में सर्वेक्षण कर पुराने ट्रैफिक सिग्नलों को सुधारने या बदले जाने के भी निर्देश दिए थे।

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