रूस की सेना यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेट्स्क यानी डोनबॉस इलाके में घुस गई है। राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारतीय समय के अनुसार देर रात 3 बजे पहले यूक्रेन के इन दोनों राज्यों को स्वतंत्र देश घोषित किया था।
इसके बाद रूसी सेना के टैंक इन इलाकों की तरफ बढ़ गए। पुतिन ने कहा कि लुहांस्क-डोनेट्स्क और अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाके में शांति बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
रूस के इस एक्शन के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि हम रूस के इस कदम से डरते नहीं हैं। हमने किसी से न तो कुछ लिया है और न ही किसी को कुछ देंगे। जेलेंस्की ने कहा कि रूस की घोषणाओं और खतरों के बावजूद यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं वैसे ही बनी रहेंगीं, जैसे पहले थीं। यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र घोषित करने वाले पुतिन के कदम के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।
बता दे यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जिन्हें वापस लाने सरकार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट यूक्रेन रवाना की गई है। यूक्रेन के खार्किव से 256 भारतीय छात्र देश लौटेंगे। फ्लाइट आज रात सवा बस बजे देश लौट आएगी। भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च को ऑपरेट होंगी।
रूस और यूक्रेन तनाव पर UN में भारत का स्टैंड टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “यूक्रेन और रूस के बीच सीमा पर तनाव गहरी चिंता का विषय है। इस इलाके में रूस का कदम शांति और सुरक्षा को कमजोर करेगा। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं।
हम मानते हैं कि यह मुद्दा केवल और केवल डिप्लोमैटिक डायलॉग्स के जरिए सुलझ सकता है। अभी तनाव को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए गए हैं, उनके लिए हमें थोड़ा वक्त भी देना होगा।”