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बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष बने रोजर बिन्नी, जानें अन्य पदों के लिए किन नामों पर लगी मुहर

नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बन गए हैं। बोर्ड की सालाना बैठक में मंगलवार को बिन्नी के नाम पर मुहर लग गई। इस बैठक में बीसीसीआई के सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल के साथ-साथ सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी भी मौजूद रहे। बिन्नी सौरव गांगुली की जगह लेंगे। सवाल यह है कि सौरव गांगुली को हटाकर आखिर बिन्नी ही क्यों बीसीसीआई के अध्यक्ष बनाए गए? इसके पीछे क्या कारण है? क्या वाकई इसमें कुछ सियासत है या नहीं?

अभी तक बीसीसीआई अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे सौरव गांगुली को हटाने के पीछे काफी विवाद भी हो चुका है। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गांगुली पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा था, जब उन्होंने मना कर दिया तो अमित शाह के कहने पर गांगुली को अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा है।

भाजपा की सफाई

भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पार्टी की तरफ से दिए गए आधिकारिक बयान में कहा गया कि बीसीसीआई एक स्वतंत्र संस्थान है, जिसके सदस्य और पदाधिकारी अपना फैसला खुद लेते हैं। इसमें सरकार का कहीं से कोई दखल नहीं होता है।

राजनीति से रहा है बीसीसीआई का नाता

बीसीसीआई का नाता शुरुआत से ही राजनीति से रहा है। ज्यादातर प्रशासक राजनीतिक रहे हैं। राजीव शुक्ला हों या अनुराग ठाकुर। सभी राजनीति से ही जुड़े रहे हैं। मौजूदा सचिव जय शाह खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे हैं। ऐसे में बीसीसीआई के कई फैसले सियासत से जुड़े होते हैं। रोजर बिन्नी के अध्यक्ष बनाए जाने के मामले को भी सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के चलते किसी पूर्व क्रिकेटर को ही अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस वजह से कोई राजनीतिक हस्ती इस पद पर नहीं बैठ सकती थी। इसलिए किसी ऐसे चेहरे की तलाश थी तो सुलझा हुआ और बेदाग हो।

बीसीसीआई को नहीं झेलना पड़ेगा विवाद

बिन्नी 67 साल के हो चुके हैं। जब तक उनका पहला कार्यकाल पूरा हो तब तक वे 70 के हो जाएंगे। ऐसे में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक उन्हें दूसरा कार्यकाल देने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी, जो विवाद सौरव को दूसरा कार्यकाल नहीं देने पर हुआ वैसा कोई विवाद बीसीसीआई को बिन्नी के मामले में नहीं झेलना पड़ेगा।

गांगुली की प्रतिक्रिया आई सामने

बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने के बाद सौरव गांगुली की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि मैं रोजर बिन्नी को शुभकामनाएं देता हूं। नया दल बोर्ड को आगे ले जाने का काम करेगा। बीसीसीआई अच्छे हाथों में है। भारतीय क्रिकेट मजबूत है इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर बने रहना चाहते थे। उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों से इस पर बातचीत भी की थी। हालांकि, इस पर किसी की मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद गांगुली को आईपीएल चेयरमैन का पद भी आॅफर किया गया था, लेकिन गांगुली ने इसे ठुकरा दिया था।

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