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सरकारी खजाने पर भारी पड़ रहे राहत और बचाव कार्य, प्राकृतिक आपदा से तीन साल में खर्च हो गए 1.40 लाख करोड़

नई दिल्ली। देश में हर साल आने वाली प्राकृतिक आपदा, सरकारी खजाने पर भारी पड़ रही है। पिछले तीन वर्ष के दौरान केंद्र एवं राज्य सरकारों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए 140478.16 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। मध्यप्रदेश में केंद्र व राज्य, दोनों का आपदा खर्च मिलाकर लगभग 127112.73 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जबकि महाराष्ट्र में 21849.96 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पश्चिम बंगाल में 8611.54 करोड़ रुपये, राजस्थान में 9892.84 करोड़ रुपये, ओडिशा में 11743.9 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश में तीन वर्ष के दौरान 8886.9 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

असम में बाढ़ से लगभग दो लाख लोग प्रभावित हुए, पांच लोगों की मौत

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति के अनुसार, जमीनी स्तर पर प्रभावित लोगों को राहत के वितरण सहित, आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है। राज्य सरकारें, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित मदों और मानदंडों के अनुसार, पहले से ही उनके निपटान में रखी गई राज्य आपदा मोचन निधि एसडीआरएफ से बाढ़ सहित प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर राहत के उपाय करती हैं।

असम में बाढ़: छह और लोगों की मौत, 7.2 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया, गंभीर प्रकृति की आपदा के मामले में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि एनडीआरएफ से अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें एक अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम आईएमसीटी का दौरे के आधार पर मूल्यांकन शामिल है। राज्यों को एसडीआरएफ का आवंटन समय-समय पर संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिश पर आधारित है। इस वर्ष दक्षिण पश्चिमी मानसून एक अप्रैल से 31 अक्तूबर तक के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें बाढ़, बारिश और बादल फटने जैसी आपदा में असम, आंधप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और उत्तराखंड में तैनात रही हैं। आपदा में बल की टीमों ने 1915 व्यक्तियों को बचाया, जबकि 35498 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। साथ ही 1061 पशुओं को आपदा के प्रकोप से बचाने में सफलता हासिल की।

GHMC officials shift 1,500 people near Musi river, to shelter homes

एसडीआरएफ को भी जारी की गई राशि

2019-20 में आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों ने एसडीआरएफ के तहत 13465.00 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है। 2020-21 में यह राशि 23186.40 करोड़ रुपये जारी की गई थी। साल 2021-22 के लिए भी इस राशि का ग्राफ 23186.40 करोड़ रुपये रहा है। एसडीआरएफ के तहत आवंटन हुई राशि में 2019-20 के दौरान केंद्र का हिस्सा 10937.62 करोड़ रुपये था। 2020-21 के दौरान यह राशि 17825.63 करोड़ रुपये थी, जबकि 2021-22 में केंद्र ने एसडीआरएफ को 17747.20 करोड़ रुपये जारी किए थे।

2022 में प्राकृतिक आपदाओं में 1784 लोगों की मौत
2022 में पांच दिसंबर तक प्राकृतिक आपदाओं में 1784 लोग मारे गए हैं। 26401 पशुओं की मौत हुई है। इसके अलावा 327479 मकान/झोपड़ियां, प्राकृतिक आपदा में तबाह हुए हैं। साथ ही 1889582 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा है।

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