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नौ लाख की घूस का मामला, असिस्टेंट इनकम टैक्स कमिश्नर, अधिकारी और सीए को तीन-तीन साल की सजा

इंदौर। भ्रष्टाचार के एक मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने आयकर विभाग के दो अधिकारियों और एक सीए को दोषी करार देते हुए 3-3 साल की सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। सीबीआई अधिकारियों ने 20 फरवरी 2008 को इनकम टैक्स के असिस्टेंट कमिश्नर पंकज गुप्ता के घर छापा मार कर 9 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए उन्हें पकड़ा था।

असिस्टेंट कमिश्नर गुप्ता ने एडवांस रोटोफ्लैक्स इंडस्ट्रीज नामक पैकेजिंग इकाई का सर्वेक्षण किया था। इसी दौरान उन्होंने इस इकाई पर 65 लाख रुपए की कर चोरी करने की बात कही थी। इस मामले को दबाने के लिए गुप्ता ने 9 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। यह रिश्वत की राशि आयकर अधिकारी अजय वीरे के माध्यम से उक्त कंपनी के सीए एसएस मूंदड़ा के माध्यम से दी जा रही थी। इस मामले में 2009 में सीबीआई ने इंदौर की सीबीआई की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की थी और 12 साल तक सुनवाई चली। शुक्रवार को सुधीर कुमार मिश्रा की अदालत ने असिस्टेंट कमिश्नर पंकज गुप्ता, आयकर अधिकारी अजय वीरे और सीए एसएस मूंदड़ा को दोशी पाते हुए सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं चुकाने की स्थिति में आरोपियों को एक साल का सश्रम कारावास भी भुगतना होगा।

25-25 हजार रुपए की जमानत पर रिहा किया

न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद तीनों रिश्वतखोरों ने यह कहते हुए कम से कम सजा दिए जाने की गुहार लगाई कि यह उनका पहला अपराध है। प्रकरण 2008 से चल रहा है। कोर्ट द्वारा तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद तीनों आरोपितों ने न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने तीनों को 25-25 हजार रुपए की जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।

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