Ram Janambhoomi: लम्बे समय तक राम मंदिर का मुद्दा हिंदुस्तान के मर्म को झंझोड़ता रहा है। जब सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला दिया तो अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर का रास्ता साफ़ हो गया। 5 अगस्त को अयोध्या के राम मंदिर के शिलान्यास का एक वर्ष पूर्ण हो रहा है। आइए जानते है इसके बाद अयोध्या में किस प्रकार के बदलाव आ रहे है और मंदिर के निर्माण की क्या प्लानिंग है।
2023 तक गर्भगृह में विराजमान होंगे रामलला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है और आज निर्माण कार्य शुरू हुए एक साल पूर्ण हो चूका है। पिछले वर्ष 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर का शिलापूजन किया गया था जिसके बाद निर्माण कार्य ने रफ़्तार पकड़ ली है। राम मंदिर का यह निर्माण अयोध्या को भी एक नया स्वरुप देता नज़र आ रहा है।
राम मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि 2023 तक रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। हालांकि इसके बाद भी मंदिर के ऊपरी फ्लोर पर निर्माण जारी रहेगा। मंदिर के निर्माण के साथ ही अयोध्या ने भी विकास की बुलेट ट्रैन पकड़ ली है जो अपनी पूरी रफ़्तार से आगे बढ़ रही है। यहां बीते दो सालों में जमीन की कीमतें 8 गुना तक महंगी हुई हैं। ज़मीनों की खरीदारी इस कदर हो रही है की उत्तर प्रदेश सरकार को ही यहाँ की बिक्री पर रोक लगाना पड़ रहा है।
श्रीराम के अस्तित्व पर भी उठे थे सवाल
अगर हम रामलला के इतिहास को जानने की कोशिश करें तो 1950 में सबसे पहले रामलला की पूजा के लिए फैजाबाद कोर्ट में याचिका दर्ज की गयी थी जिसके चलते 70 सालों के लम्बे संघर्ष के बाद 9 नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ज़मीन राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी। इस पुरे संघर्ष में कई बार रामलला के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए गए। इस बीच कई नेताओं ने तो अपना विवेक बेच कर रामलला का आधार कार्ड तक मांग लिया था। इन सभी घटनाओं के बीच राम भक्त अपने इष्ट से प्रेरित मर्यादा कभी नहीं भूले और हमेशा अपनी उम्मीद कायम रखी और फिर कोर्ट के निर्णय के बाद जश्न भी मनाया।
अयोध्या को नया स्वरुप दे रहा राम मंदिर
निर्माणकर्ताओं के मुताबिक मंदिर का प्रांगण लगभग 107 एकड़ के साथ मुख्य मंदिर का एरिया करीब 2.77 एकड़ का होगा इसी के साथ मंदिर की ऊंचाई 161 और चौड़ाई 235 फ़ीट बताई जा रही है। मंदिर में कुल तीन फ्लोर रहेंगे और हर एक फ्लोर की ऊंचाई लगभग 20 फ़ीट की होगी। अगर मंदिर निर्माण के खर्च की बात करे तो लगभग 1100 करोड़ रूपये की लागत मंदिर निर्माण में लगेगी।
ऐसा कहा जा रहा है की 2023 तक मंदिर के गर्भगृह और ग्राउंड फ्लोर का कार्य पूर्ण हो जाएगा साथ ही 2025 तक बाकि सभी निर्माण कार्य पूर्ण होंगे। राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या को कई तरह की सौगात भी मिल रही है। आस पास के सभी लोगों को रोज़गार से लेकर बस अड्डा, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन जैसे हर जगह को सरकार द्वारा एक नया आकार दिया जा रहा है। अब यह देखना है की रामलला अपने घर को और क्या- क्या प्रदान करते है।