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हिंदुस्तान के इस शहर में कबाड़ियों के पास है 3-3 कारें और बेशुमार दौलत

कानपुर। कबाड़ को अक्सर बेकार माना जाता है और हर शख्स इसको जल्द से जल्द घर से बाहर निकालने की सोचता है। कबाड़ को कभी भी दौलत कमाने का बेहतर जरिया नहीं माना गया है, लेकिन हिंदुस्तान का एक शहर ऐसा भी है, जहां पर कबाड़ियों के पास एक दो नहीं बल्कि 3-3 कारें हैं। जांच हुई तो अधिकारी हैरान रह गए।

सैकड़ों बीघा जमीन के हैं मालिक

कानपुर में कबाड़ियों के पास अकूत दौलत का खुलासा बिग डेटा सॉफ्टवेयर, आयकर विभाग और जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच में हुआ है। इस जांच में पता चला है कि कानपुर में 250 से ज्यादा कबाड़ी, पान, चाट, समोसे और सब्जी-फल बेचनेवाले करोड़पति हैं। इनके पास सैकड़ों बीघा कृषि जमीन है। लेकिन ये लोग न तो आयकर देते हैं न ही जीएसटी।

आयकर विभाग की थी खुफिया नजर

गरीबी का दिखावा कर करोड़ों का कारोबार करने वाले इन धन्नासेठों पर आयकर विभाग की लंबे समय से खुफिया नजरें थीं। सिर्फ आयकर देने वालों और रिटर्न भरने वाले करदाताओं के अलावा गली मोहल्लों में छोटा-मोटा कारोबार कर बड़ी कमाई करने वालों की भी जानकारी आयकर विभाग इकट्ठा कर रहा था। अत्याधुनिक टेक्नोलाजी से ये खुफिया करोड़पति रडार पर आ गए। इन लोगों ने टैक्स नहीं दिया साथ ही पिछले चार साल में 375 करोड़ रुपए की प्रापर्टी खरीद ली।

महंगे इलाकों में है संपत्तियां

कानपुर के इन छुपे हुए कुबेरों ने महंगी संपत्तियां कानपुर के बेहद महंगे कामर्शियल इलाकों में खरीदी। इसके साथ ही 650 बीघा कृषि जमीन के मालिक भी ये बन गए। कृषिभूमि कानपुर देहात, कानपुर नगर के ग्रामीण इलाकों, बिठूर, नारामऊ, मंधना, बिल्हौर, ककवन, सरसौल से लेकर फरुखाबाद तक खरीदी गई।

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