Pegasus: इजराइली कंपनी के पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये फोन टेपिंग की रिपोर्ट पर सोमवार को संसद में जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस ने पत्रकारों समेत दूसरी हस्तियों के फोन टेपिंग की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। सरकार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट में लीक हुए डेटा का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं है।
द वायर ने की रिपोर्ट जारी
दरअसल रविवार रात को द वायर की तरफ से जारी रिपोर्ट के अगले हिस्से को सोमवार को जारी किया गया और नए खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट के अगले हिस्से में कहा गया है कि लिस्ट में जिन 300 भारतीयों के नंबर हैं उनमें देश के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर शोषण के आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व स्टाफर भी फोन हैकिंग केस में टारगेट थी। इसके अलावा 11 से ज्यादा स्टाफर के फोन नंबर की भी निगरानी होने का दावा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के फोन भी हैक किए गए थे।
कई मंत्रियों के भी हैं नाम
न सिर्फ कांग्रेस के नेता बल्कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल और संसद में सरकार का बचाव करने वाले आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के फोन भी हैकिंग टारगेट थे। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने संसद में पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी की है।
इनकी भी हुई जासूसी
-लिस्ट में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के पीएस का नंबर भी है। दावा है कि ये जासूसी तब की गई जब वो राजस्थान की मुख्यमंत्री थीं।
-केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ओएसडी संजय काचरू का नाम भी इसमें शामिल है।
-विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का नंबर भी इजरायली सॉफ्टवेयर के डेटाबेस में मिला है।
- इस लिस्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के फाउंडर जगदीप छोखर का नाम भी है।
-देश की टॉप वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग का नाम भी इसमें है। उनका नाम 2018 में उस वक्त शामिल हुआ जब वो निपाह वायरस से लड़ने में मदद कर रही थीं। - बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के इंडिया हेड हरी मेनन और एक कर्मचारी का नंबर भी 2019 में टारगेट किया गया।
सरकार ने खारिज की रिपोर्ट
Pegasus सॉफ्टवेयर के जरिये फोन टेपिंग की रिपोर्ट को सरकार ने खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट में लीक हुए डेटा का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहले भी वाट्सएप पर पेगासस के इस्तेमाल को लेकर इसी तरह के दावे किए गए थे। उन रिपोर्ट्स में भी कोई फैक्ट नहीं थे और उन्हें सभी ने नकार दिया था। नई रिपोर्ट भी भारत के लोकतंत्र और उसके संस्थानों की छवि खराब करने की कोशिश दिखाई देती है।
पेगासस ने भी रिपोर्ट को गलत बताया
Pegasus की पेरेंट कंपनी एनएसओ ग्रुप ने फोन हैकिंग पर जारी की गई रिपोर्ट को गलत बताया है। एनएसओ के बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट गलत अनुमानों और अपुष्ट थ्योरी से भरी हुई है। यह रिपोर्ट ठोस तथ्यों पर आधारित नहीं है। रिपोर्ट में दिया गया ब्योरा हकीकत से परे है। वहीं, दुनियाभर के पत्रकारों की जासूसी कराने की लिस्ट को लेकर कंपनी ने कहा कि पेगासस इस्तेमाल करने वाले देशों की लिस्ट पूरी तरह गलत है। इनमें से कई तो पेगासस के क्लाइंट्स भी नहीं हैं।
अमित शाह को भी देनी पड़ी सफाई
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में मानसून सत्र की शुरुआत से ऐन पहले पेगासस फोन हैकिंग रिपोर्ट के आने पर संदेह जताया है। उन्होंने इसके लीक होने के पीछे बड़ी साजिश की ओर इशारा किया है। शाह ने दो टूक कहा है कि कुछ लोग देश के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं। उनका मकसद भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना है। लेकिन, इन ताकतों के मंसूबों को सरकार सफल नहीं होने देगी। मानसून सत्र देश में विकास के नए पैमाने स्थापित करेगा।
रविशंकर प्रसाद ने भी आरोपों को खारिज किया
पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एनएसओ ने खुद बताया है कि वो पेगासस सॉफ्टवेयर 45 देशों को देती है, तो फिर भारत को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जो भारत ने दुनिया में अपनी साख बनाई है, उससे लोग परेशान हैं। इसलिए ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
इन देशों के इतने पत्रकारों पर नजर:
भारत – 38
अजरबैजान – 48
मोरक्को – 38
यूएई- 12