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ओवैसी का मोदी सरकार से सवाल, तालिबान को सरकार आतंकी मानती है या नहीं?

नई दिल्ली। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कतर की राजधानी दोहा में भारतीय राजदूत की तालिबान के नेता से मुलाकात पर केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है। केंद्र सरकार को तालिबान से बातचीत को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। ओवैसी ने केंद्र सरकार से पूछा कि उसे यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि वह तालिबान को आतंकी संगठन मानती है या नहीं?


बता दें, बीते दिनों कतर की राजधानी दोहा में भारत और तालिबान के बीच पहला औपचारिक संपर्क हुआ था। भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने पहली बार तालिबान के नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई से मुलाकात की थी। बताया गया है कि इस मुलाकात का अनुरोध तालिबान की ओर से ही किया गया था। स्टानेकजई इस वक्त कतर में स्थित तालिबान को राजनीतिक दफ्तर के प्रमुख हैं।

ममता सरकार का बड़ा फैसला

कोलकाता। बंगाल सरकार ने राज्य में चुनाव बाद हिंसा की जांच के लिए गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की सहायता के लिए 10 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। बता दें कि एसआईटी में पश्चिम बंगाल कैडर के तीन आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल हैं। वहीं हाईकोर्ट ने राज्य की सभी एजेंसियों को जांच के लिए सीबीआई और एसआईटी को सहयोग करने का भी निर्देश दिया था।

वहीं इससे पहले बुधवार को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हत्या और महिलाओं के साथ किए गए अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर दी है, लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से इस याचिका का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण का काम पूरा होने के बाद मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।

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