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कोराना की तीसरी लहर का डर, नए वेरिएंट बने चुनौती

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए लोगों से वैक्सीन लगवाने और घर पर ही त्योहारों को मनाने की अपील की है। इसके अलावा सरकार का कहना है कि टीका लगवाने के बाद भी लोगों को भीड़भाड़ से बचना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें बड़े पैमाने पर लोगों को जुटाने से बचना चाहिए। यदि ऐसा करना बेहद जरूरी होता है तो यह ध्यान रखें कि शामिल होने वाले सभी लोगों का टीकाकरण हो चुका हो। इसके साथ ही हेल्थ मिनिस्ट्री ने टीकाकरण कराने और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की बात कही है।

39 जिले बने चिंता का विषय

केंद्र ने कहा कि यह सही है कि वीकली पॉजिटिविटी रेट में कमी देखने को मिल रही है, लेकिन अब भी कोरोना की दूसरी लहर हमारे बीच से गई नहीं है। सरकार ने कहा कि अब भी देश के 39 जिले चिंता का विषय बने हुए हैं, जहां 31 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण की दर 10 फीसदी से ज्यादा रही है। इसके अलावा 38 जिलों में यह आंकड़ा 5 से 10 फीसदी का है। सरकार के मुताबिक अब तक देश के 16 फीसदी वयस्कों को को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। इसके अलावा 54 फीसदी वयस्कों को कम से कम एक टीका लग चुका है।

देश भर में 300 से ज्यादा डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस

सरकार ने सलाह दी कि सभी लोगों को त्योहारों को घरों पर ही मनाना चाहिए। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन पहले की तरह ही जारी रहना चाहिए। यही नहीं उन लोगों को भी वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिन्होंने अब तक नहीं लगवाई है। इस बीच हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि देषश, में अब तक कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के 300 से ज्यादा केस देश भर में मिल चुके हैं।

तीन राज्यों में हर वयस्क को लगा पहला डोज

हिमाचल प्रदेश और सिक्किम समेत तीन राज्यों में 100 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग लगातार जारी है और इसकी रफ्तार में हर दिन तेजी दर्ज की जा रही है। इस महामारी के खिलाफ चल रहा देशव्यापी टीकाकरण अभियान भी नए मील के पत्थर हासिल कर रहा है। वहीं, देश में ऐसे राज्यों की संख्या तीन हो गई है जहां 100 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। ये राज्य हैं हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और दादरा एवं नगर हवेली हैं।

स्कूल खोलने के पक्ष में गुलेरिया

देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से तेज हो गए हैं। इसी महीने तीसरी लहर आने की आशंका है। इधर कई राज्यों में 1 सितंबर से बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन बच्चों के लिए देश में अभी तक टीका उपलब्ध नहीं है। सरकार के इस फैसले ने विशेषज्ञों, छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बहस शुरू कर दी है कि बिना वैक्सीनेट बच्चे स्कूल कैसे जा सकते हैं। इस सबके बीच एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में सभी बच्चों को टीकाकरण करने में नौ महीने तक का समय लगेगा, ऐसे में लंबे समय तक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। बच्चों के विकास के लिए स्कूल खुलना जरूरी है। क्योंकि बच्चों के लिए शारीरिक संपर्क अहम है। स्कूलों को खोलने पर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि उन जगहों पर स्कूल खुल सकते हैं जहां पर कोरोना के मामले कम हैं।

केरल में एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामले

देश में कोरोना वायरस महामारी के हालात को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सचिव राजेश भूषण ने बताया कि केरल अकेला ऐसा राज्य है जहां एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। चार राज्यों में कोरोना के 10 हजार से लेकर एक लाख के बीच सक्रिय मामले हैं। ये चार राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश हैं। बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 हजार से कम सक्रिय मामले हैं। भूषण ने कहा कि देश की 16 फीसदी वयस्क आबादी को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। 54 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक लग चुकी है। केरल में गुरुवार को कोरोना वायरस के 32,097 नए मामले सामने आए। जबकि इस दौरान 188 लोगों की मौत हुई और 21,634 लोग ठीक हुए। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 2,40,186 है। यहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 18.41 फीसदी है।

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