मास्टर ले-आउट प्लान को जू अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से मिला अप्रूवल
भोपाल -शहर के वन विहार में जल्द ही विदेशी जेब्रा और जिराफ अठखेलियां करते नजर आएंगे। पर्यटकों को कुछ ही महीने में इनके दीदार होंगे। दरअसल, वन विहार के मास्टर ले-आउट प्लान को जू अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से अप्रूवल मिलने के बाद इसकी संभावना और बढ़ गई है। इसके अलावा वन विहार प्रबंधन ने सरकार से प्रोजेक्ट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की मांग की है।
वन विहार प्रबंधन ने करीब आठ महीने पहले जू अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को प्रस्ताव भेजा था। साथ ही वन मंत्री डॉ. विजय शाह भी अफ्रीका से जिराफ-जेब्रा लाने की बात कह चुके हैं, इसलिए प्रोजेक्ट में और तेजी आई। वन विहार में शेर, बाघ, भालू, लोमड़ी, तेंदुआ, हिरण, बारहसिंगा समेत अन्य जानवर हैं। वन विहार देश का इकलौता ऐसा नेशनल पार्क है, जो किसी राजधानी के बीचोबीच है। 26 जनवरी 1983 को इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिला था।
हर साल आते हैं दो लाख पर्यटक
वन विहार बड़े तालाब के पास पहाड़ी और आसपास के 445.21 हेक्टेयर क्षेत्र को मिलाकर बना है। हर साल यहां डेढ़ से दो लाख पर्यटक आते हैं, इसलिए जिराफ और जेब्रा के लिए इसे बेहतर माना जा रहा है। वन विहार में बबूल की प्रजातियों की पत्तियां, फल और फूल के पेड़-पौधे भी हैं, इसलिए यह जिराफ-जेब्रा के लिए अनुकूल माना गया है।