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Tiger State : मध्यप्रदेश फिर बना टाइगर स्टेट, 785 बाघों के साथ दर्जा बरकरार, दूसरे नंबर पर यह राज्य

tiger state of india

Tiger State : उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Jim Corbett Tiger Reserve) में वैश्विक बाघ दिवस का आयोजन हुआ था। यहां केंद्रीय वन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) ने यह रिपोर्ट जारी की।

World Tiger Day 2023: विश्व बाघ दिवस पर आज यानी 29 जुलाई को केंद्र सरकार ने राज्यवार बाघ गणना के आंकड़े जारी किए हैं। इस साल भी मध्य प्रदेश बाघों की संख्या में पहले पायदान पर है। यानी मध्य प्रदेश को बाघ स्टेट (Tiger state) का दर्जा बरकरार रहा। यहां 785 बाघ हैं। दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 563 बाघ हैं। तीसरे नंबर पर 560 बाघों के साथ उत्तराखंड है। चौथे स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां 444 बाघ हैं।

दरअसल, उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Jim Corbett Tiger Reserve) में वैश्विक बाघ दिवस का आयोजन हुआ था। यहां केंद्रीय वन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) ने यह रिपोर्ट जारी की। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) भी मौजूद थे। कार्यक्रम के बााद केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश को बधाई दी। उन्होंने लिखा- मध्य प्रदेश को बधाई! नई बाघ गणना (tiger Census) के आंकड़ों में 785 बाघों के साथ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) देश का सबसे अधिक बाघ वाला राज्य है। मध्य प्रदेश की बाघों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता को यह दर्शाता है।

इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का ट्वीट आया। लिखा- अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। मैं पूरे प्रदेश की जनता, वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिए हृदय से बधाई देता हूं। आइये, हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें।

चार साल में एमपी बढ़े 259 बाघ
साल 2006 में बाघ संरक्षण प्रयासों को गति दी गई थी। तब से बाघों की संख्या बढ़ रही है। 2006 में मध्य प्रदेश 300 बाघों के साथ सबसे अधिक बाघों वाला राज्य था। 2010 में घटकर 257 बाघ हो गए। ऐसे में मध्य प्रदेश से टाइगर स्टेट(Tiger State) का दर्जा कर्नाटक ने छीना था। 2014 में मध्य प्रदेश में 308 बाघ थे। 2018 में 526 बाघ हो गए। 2018 में मध्य प्रदेश ने सिर्फ दो बाघ अधिक होने से कर्नाटक से फिर टाइगर स्टेट का दर्जा छीना।

फिर चार साल में प्रदेश में 259 बाघ बढ़े। कर्नाटक में सिर्फ 39 बाघ रह गए। अब इन दोनों राज्यों का अंतर 2018 के दो बाघ से बढ़कर 2022 में 222 हो गया है। बता दें 9 अप्रैल 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) के 50 साल पूरे होने पर Mysore में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कम से कम 3167 बाघ होने का ऐलान किया था। तब के आंकड़े सिर्फ कैमरा-ट्रैप्ड क्षेत्रों से आए थे। वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कैमरा-ट्रैप्ड के साथ नॉन-कैमरा-ट्रैप्ड इलाकों से भी आए आंकड़ों का विश्लेषण किया।

इसके मुताबिक अधिकतम 3925 बाघ हैं। इसके आधार पर औसत 3682 बाघ होने का दावा है। यह प्रति वर्ष 6.1% की बढ़ोतरी बताता है। शिवालिक हिल्स और गंगा के मैदानों में बाघ बढ़े हैं। विशेषकर मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में बाघों की संख्या बढ़ी। वैसे, पश्चिमी घाट के कुछ क्षेत्रों में बाघ कम हुए हैं।

देश में भी बढ़े बाघ
2006 में देश में 1411 बाघ बचे थे। यह चिंताजनक स्थिति थी। फिर 2010 में 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967 और 2022 में 3682 बाघों की संख्या पहुंच गई। हर राज्य में बाघों की संख्या बढ़ी। दुनियाभर के बाघों में भारत की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत पहुंच चुकी है। 2018 में संरक्षित इलाकों में 2461 बाघ थे, जबकि 2022 में बढ़कर यह 3080 हो गए हैं। तीन-चौथाई बाघ देश के संरक्षित इलाकों में हैं। इस समय देश में 53 टाइगर रिजर्व हैं, जो 75796 वर्ग किमी में फैले हैं।

यह भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.3% हिस्सा है। उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट 260 बाघ हैं। बांदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ (135), दुधवा (135), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा (104), सुंदरबन (100), ताड़ोबा (97), सत्यमंगलम (85) और पेंच-मध्य प्रदेश (77) बाघ हैं।

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