अशोकनगर। गुना और अशोकनगर जिले में बाढ़ से निपटने के लिए और राहत बचाव कार्य के लिए। गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुरोध पर एनडीआरएफ की टीमें भेजने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर दी है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर इस बात की जानकरी दी है। साथ ही कहा है कि स्थिति नियंत्रण में आने के उपरांत नुकसान का आंकलन करने के लिए भी एक टीम भेजी जाएगी । बतादें कि गुना और अशोकनगर में पिछले 7 दिनों से हो रही तेज़ बारिश के चलते बाढ़ विकराल रूप लेती जा रही है। मंत्री सिंधिया के अनुरोध पर भेजी जा रही NDRF की Team से लोगों में बड़ी मदद मिलने की आस बनी हुई है।
नानाखेड़ी और भगत सिंह कॉलोनी क्षेत्र में बाढ़ आ गई।
गुना अशोकनगर जिले में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। यहां बारिश के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। शुक्रवार शाम 5.30 बजे तक 1100 MM बारिश दर्ज की जा चुकी है। गुना का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां पानी भरने की वजह से नागरिकों को समस्या न आ रही हो। हनुमान चौराहे से लेकर नानाखेड़ी और निचला बाजार रपटा तक पानी भरने की वजह से कई मकान जलमग्न हो गए। गुना जिला मुख्यालय का गोपालपुरा तालाब ओवरफ्लो हो जाने की वजह से नानाखेड़ी और भगत सिंह कॉलोनी क्षेत्र में बाढ़ आ गई। ऐसे हालातों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुरोध पर एनडीआरएफ की टीमें भेजी जाएगी।
कलेक्टर-एसपी भी मौके पर पहुंचे
क्षेत्र की पार्वती नदी में बाढ़ आने की वजह से 300 ग्रामीण फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने की कवायद की जा रही है। कलेक्टर-एसपी भी मौके पर पहुंच गए है। हालात इतने खराब हैं कि बिजली कम्पनी को पहली बार लोगों के आग्रह पर शहर में बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ी। बारिश के चलते गुना-अशोकनगर मार्ग बंद हो चुका है।
जिले के म्याना कस्बे में 10 से ज्यादा मकान गिरने की सूचना
ऊमरी जाने वाले 70 से ज्यादा लोग गुना से बाहर नहीं निकल पाए, जिन्हें पीजी कॉलेज के श्यामा प्रसाद मुखर्जी खेल प्रसाद में ठहराया गया है। बूढ़े बालाजी स्थित मुक्तिधाम में कुछ लोग भारी पानी के बीच फंसे होने के चलते नगरपालिका की टीम ने इन्हें रस्सो की मदद से बाहर निकाला। जिले के म्याना कस्बे में 10 से ज्यादा मकान गिरने की सूचना है। हालात इतने बद्तर हो चुके है कि खेतों ने तालाब की शक्ल ले लेली हैं। दियों में आए सैलाब के कारण धान की फसल पूरी तरह से बह गई है।