नई दिल्ली: अकसर यह कहा जाता है कि नाम मे क्या रखा है इंसान का काम बोलता हैं, लेकिन सियासत के गलियारों में राजनीति की बिसात नाम के ही सहारे आगे बढ़ती है असल काम तो कहीं पीछे छूट जाता है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार 6 अगस्त को जब राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने की घोषणा की तो सियासी बवाल आ गया और इस बात की भी चर्चा होने लगी कि आखिर कितनी योजनाओं, पुरस्कार आदि का नाम गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर है।
सैकड़ों योजनाएं है परिवार के नाम पर
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 600 से ज्यादा सरकारी योजनाएं, संस्थान, छात्रवृत्ति,संग्रहालय, और पुरस्कार जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर है। । 2014 से पहले तक अकेले राजीव गांधी के नाम पर 16 केंद्रीय सरकारी योजनाएं चल रही थीं, जो राजीव आवास योजना, राजीव गांधी उद्यमी मित्र योजना, राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण अभियान, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, एसटी छात्रों के लिए राजीव गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप थी। इंदिरा गांधी के नाम पर करीब 27 योजनाएं चल रही थीं। यूपीए के कार्यकाल में 58 योजनाओं महापुरुषों के नाम पर थी।
देशभर की योजनाएं परिवार के नाम पर
लेकिन अभी भी सैकड़ों योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम से चल रही है, जिसमें राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम, राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना, केरल में राजीव गांधी इनडोर स्टेडियम, देहरादून में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, हैदराबाद में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, रोहतक में राजीव गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मिजोरम में राजीव गांधी स्टेडियम है। मशहूर लेखक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट कर एक लिस्ट जारी की जिसमें उन्होंने इस परिवार के नाम पर चल रही योजनाओं का जिक्र किया है।
इनमें जवाहर लाल नेहरू, गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट, जवाहर लाल नेहरू हॉकी टूर्नामेंट, राजीव गांधी गोल्ड कप कबड्डी टूर्नामेंट, राजीव गांधी सद्भावना रन, राजीव गांधी फेडरेशन कप बॉक्सिंग चैंपियनशिप, राजीव गांधी रोड रेस शामिल हैं। इसी तरह राजीव और इंदिरा गांधी के नाम पर कई स्टेडियम का जिक्र है। इनमें दिल्ली का इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम, पुडुचेरी का राजीव गांधी इनडोर स्टेडियम, विशाखापत्तनम का राजीव गांधी इनडोर स्टेडियम शामिल हैं।
मोदी सरकार ने बदले कुछ योजनाओं के नाम
हालांकि इनमें से कुछ योजनाओं के नाम 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बदले जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने राजीव आवास योजना का नाम बदल कर सरदार पटेल नेशनल मिशन फॉर अर्बन हाउसिंग कर चुकी है। इसी तरह राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कर दिया गया है। इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का नाम प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना किया जा चुका है।