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नेमावर जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर दिया ज्ञापन

नेमावर हत्या कांड

पेटलावद. देवास जिले के नेमावर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या को लेकर चारों तरफ आक्रोश का माहौल बना हुआ है। मुख्य आरोपी सुरेंद्र व सहआरोपी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की जा रही है। शनिवार को जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस), आदिवासी समन्वय मंच भारत तहसील पेटलावद,  भील प्रदेश युवा मोर्चा,  आदिवासी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी पेटलावद को सौंपा।

एसआईटी जांच की मांग

पूरी घटना की एसआईटी जांच की मांग भी की जा रही है, क्योंकि 45 दिन पहले ही समाजजनों ने मुख्य आरोपी का नाम बता दिया गया था। इसके बावजूद भी गिरफ्तारी में विलंब करने से थाना प्रभारी को भी आरोपी बनाने की मांग की, क्योंकि देरी के चलते दुष्कर्म के सबूत नष्ट किए गए हैं। वही पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी, 1 करोड़ रुपये मुआवजा राशि के अलावा पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाने की मांग भी की गई।

साथ ही मांग की कि मृतक परिवार के सदस्य अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं तथा मृतक लड़कियों के शवों पर वस्त्र भी नहीं पाए गए थे। इसलिए आरोपियों पर अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं सामूहिक बलात्कार की धारा के साथ ही प्रकरण फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए और 6 माह के भीतर दोषियों को फांसी की सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो।

प्रकरण की पैरवी के लिए पीड़ित परिवार एवं आदिवासी समन्वय मंच भारत की सहमति से शासन द्वारा वकील नियुक्त किया जाए और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में लगने वाले समस्त व्यय शासन द्वारा वहन किया जाए। इस मौके पर रोशन सिंगार, थावरसिंह सोलंकी, पवन खराड़ी, सरवन मेडा, कपिल डामर, अमरसिंह वसुनिया, विकास बारिया, खुशाल भाबर, पिंटू डामर अन्य कार्यकर्ता मौजूर रहे। मृदुभाषी के लिए योगेन्द्र नाहर की रिपोर्ट

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