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MBBS की हिन्दी में होगी पढ़ाई, रामचरितमानस कोर्स हुआ शुरू

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण दो साल से बंद पहली से पांचवीं तक के स्कूल 20 सितंबर से खुलेंगे। यह फैसला प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में मान्य होगा। पहलीं से पांचवी तक की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित होगी। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, जबकि 8वीं 10वीं 12वीं की कक्षाओं का शत-प्रतिशत संचालन होगा। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में लिया गया। पहली से पांचवीं तक के स्कूल खोलने के फैसले के साथ स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। खास बात यह है कि पहली से पांचवीं तक के बच्चे अब दो साल बाद स्कूल जा सकेंगे।

बैठक में लिए गए अहम फैसले

  • स्कूलों में कक्षा 1 से 5वीं प्राथमिक स्तर की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ शुरू होंगी।
  • कक्षा 8वीं, 10वीं और 12वीं के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों के लिए छात्रावास संचालित किए जाएंगे।
  • कक्षा 11 के विद्यार्थियों को 50 फीसदी क्षमता के छात्रावासों की सुविधा दी जाएगी।
  • प्रदेश में संचालित सभी आवासीय विद्यालय कक्षा 8वीं, 10वीं एवं 12वीं के लिए 100 फीसदी विद्यार्थियों के लिए संचालित किए जाएंगे।
  • कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल व छात्रावास खोले जाएंगे।
  • जिला अंतर्गत संचालित स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों को खोलने के प्रस्ताव पर जिला आपदा प्रबंधन समिति से सहमति ली जाएगी।
  • अभिभावकों की सहमति से ही विद्यार्थी विद्यालय, छात्रावास में उपस्थित हो सकेंगे।

प्रदेश में आज से खुले कॉलेज

15 सितंबर से प्रदेशभर के कॉलेज में छात्रों के लिए क्लास शुरू हो गई। क्लास में बैठने के लिए सभी छात्रों को दो तरह की शर्त का पालन करना होगा। उन्हें वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और पैरेंट्स का अनुमति पत्र देना जरूरी है। कॉलेज में शुरुआती 10 दिन सभी छात्रों के लिए अहम है। इस दौरान उन्हें कोर्स, बैठक व्यवस्था, क्लास, हॉस्टल और विषय बदलने संबंधी जानकारी दी जाएगी। ऐसे में शुरुआती डेढ़ सप्ताह स्टूडेंट्स की कॉलेज में उपस्थिति जरूरी है।

बीयू में 24 विभागों की क्लास शुरू होंगी

बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) करीब 24 विभागों की क्लास पहले चरण में खोलेगा। कुलपति प्रोफेसर आरजे राव ने रजिस्ट्रार और सभी विभागाध्यक्षों के साथ एक बैठक की। राव ने बुधवार से ऑफलाइन कक्षाएं प्रारंभ करने वाले सभी विभागाध्यक्षों को दिशा-निर्देश दिए। ऑफलाइन क्लास के लिए सभी छात्रों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और पेरेंट्स के अनुमति पत्र लिए जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि इस सत्र में एडमिशन से लेकर सत्यापन और फीस तक ऑनलाइन जमा हो रही है। छात्र सिर्फ एक हजार रुपए ऑनलाइन फीस जमा करके भी कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि फिलहाल फर्स्ट ईयर के छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधा नहीं दी जाएगी। यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में हॉस्टल और मैस भी शुरू होंगे। इसमें से हॉस्टल सिलसिलेवार शुरू किए जाएंगे। पहले चरण में यूजी फाइनल ईयर व पीजी थर्ड सेमेस्टर के छात्रों के लिए हॉस्टल खोले जाएंगे।

इसका रखना होगा ध्यान

सभी छात्रों को कॉलेज परिसर में प्रोफेसर और प्रबंधन के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। पहले ही तरह छात्र एक झुंड में कहीं भी एक साथ जमा नहीं हो सकेंगे। क्लास और कॉलेज परिसर में पूरी तरह मास्क लगाना अनिवार्य है। क्लास भी 50 फीसदी क्षमता से ही लगाई जाएगी।

हिन्दी में होगा मेडिकल का पाठ्यक्रम

मप्र में अब मेडिकल छात्रों को हिन्दी में पढ़ाया जाएगा। पूरा कोर्स हिन्दी में ही होगा। हिंदी दिवस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमने हिन्दी दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में करने का निर्णय लिया हैं। जल्द ही इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि यह एक मॉड्यूल को तैयार करेंगे। कमेटी के सुझाव के आधार पर ही पूरा पाठ्यक्रम हिन्दी में तैयार किया जाएगा। जल्द से जल्द इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं, हालांकि अभी इसके लिए समय-सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन हमारा प्रयास रहेगा कि कम समय में इसे शुरू करें। इससे छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई करने में आसानी होगी। सारंग ने कहा कि पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए विशेष कमेटी कार्य करेगी। यह कोर्स से जुड़ी व्यवहारिक परेशानियों के साथ ही यह भी देखेगी कि कहीं किसी तरह की दूसरी परेशानी तो इससे खड़ी नहीं हो रही। छात्रों के भविष्य और उनके हित को देखते ही पूरा कोर्स हिन्दी में किया जाएगा।

BA में शुरू हुआ रामचरितमानस का कोर्स

एक दिन पहले मप्र के सभी कॉलेज में रामचरितमानस नाम से नया कोर्स शुरू किया गया है। बीए फर्स्ट ईयर में इसे शामिल किया गया है, हालांकि यह वैकल्पिक विषय है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश की उर्दू गजल विषय को भी इस साल से आर्ट्स के कोर्स में शामिल किया गया है।

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