इंदौर। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्टूडेंट्स को एलएलबी, बीएएलएलबी, बीकॉमएलएलबी, बीबीएएलएलबी में एडमिशन दिया गया। इनकी पहले सेमस्टर की परीक्षाएं फरवरी में करवाई जाना थी लेकिन कॉलेजों ने मान्यता संबंधित दस्तावेज नहीं जमा करवाए।
इसके चलते 25 फरवरी से होने वाली परीक्षाएं कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ाई गई। जानकारों के अनुसार कॉलेजों के पास विधि पाठ्यक्रम की बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं हैं। ऐसी स्थिति में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा नहीं करवा पा रही है। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह रास्ता निकाला है कि कॉलेजों को 10 मार्च तक मान्यता संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करना है। सूत्रों की माने तो 16 में से मात्र 5 कॉलेजों के पास पाठ्यक्रम की मान्यता है। निर्धारित तारीख तक दस्तावेज नहीं जमा करवाने पर कॉलेज के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सूत्रों की माने तो कॉलेजों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से साधारण विधि पाठ्यक्रम की मान्यता ले रखी है जबकि यूनिवर्सिटी से आॅनर्स पाठ्यक्रम की कॉलेजों को संबद्धता मिलती है। इसके चलते परीक्षाएं करवाने में थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। बार काउंसलि आॅफ इंडिया से साधारण विधि पाठ्यक्रम की मान्यता शुल्क तीन से चार लाख रुपए हैं जबकि ओनर्स पाठ्यक्रम के लिए कॉलेजों को दो से ढाई लाख अधिक देना पड़ते हैं। इसी राशि को बचाने के लिए कॉलेज सिर्फ साधारण विधि पाठ्यक्रम की मान्यता लेते हैं।