Mradhubhashi
Search
Close this search box.

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर सदियों में पहली बार बना दुर्लभ संयोग, 5 महायोग में होगी शिव पूजा, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Mahashivratri 2023 Date And Puja Vidhi: इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी शनिवार को है. इस साल महाशिवरात्रि पर ऐसा दुर्लभ संयोग बना है, जो 7 सदियों में पहली बार हो रहा है. महाशिवरात्रि के दिन 5 महायोग बन रहे हैं और इसके अलावा इस दिन शनि प्रदोष व्रत भी है. 5 महायोग और प्रदोष व्रत का अद्भुत संयोग महाशिवरात्रि को और भी विशेष बना रहे हैं. इस दिन आप एक व्रत से दोनों व्रतों के पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं, इसके लिए आप सायंकाल के शुभ मुहूर्त में पूजा करें.

Maha Shivratri 2022: उज्जैन में 9 दिन मनाते हैं शिवनवरात्रि जानिए क्या-क्या  होता है इस दौरान - Maha Shivratri 2022: Shiv Navratri is celebrated for 9  days in Ujjain know what happens during this time

इस बार महादेव की उपासना और साधना का महापर्व महाशिवरात्रि 18 फरवरी मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी और इसी दिन सबसे पहले भगवान विष्णु और ब्रह्रााजी ने शिवलिंग की पूजा की थी। महाशिवरात्रि पर शिवजी के विशेष पूजा-आराधना, व्रत और जलाभिषेक किया जाता है। महाशिवरात्रि पर दिनभर पूजा के साथ रात में भो भोलेभंडारी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था। आइए जानते हैं इस बार महाशिवरात्रि पर किस तरह का शुभ संयोग बन रहा है, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।

महाशिवरात्रि पर प्रदोष व्रत का संयोग

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही शुभ संयोग बनने जा रहा है। 18 फरवरी,शनिवार को त्रयोदशी तिथि है और इस तिथि पर प्रदोष का व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा-उपासना के लिए खास होता है। इस दिन त्रयोदशी तिथि की समाप्ति के बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।

Mahashivratri 2019: This is how Shivratri puja is done by devotees - The  Statesman

महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि 2023

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी, शनिवार को रात 08 बजकर 05 मिनट से शुरू हो रही है। फिर इसके बाद 19 फरवरी 2023 की शाम को 04 बजकर 21 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

महाशिवरात्रि 18 या 19 फरवरी कब मनाएं

हर साल महाशिवरात्रि का महापर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा चार प्रहर में करने का विशेष महत्व होता है और इसमे से भी रात्रि का 8वां मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। इस बार चतुर्दशी तिथि 19 फरवरी की शाम को समाप्त हो जाएगी। इस कारण से महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि पूजा विधि 2022 || Easy Mahashivratri puja vidhi at home ||  Mahashivratri vrat pujan - YouTube

महाशिवरात्रि 2023 पर शुभ संयोग

सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 05:42 से अगले दिन प्रात: 07:05 तक
वरियानो योग : 18 फरवरी को रात्रि 07 बजकर 35 मिनट से वरियान योग प्रारंभ होगा जो अगले दिन दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा
निशीथ काल पूजा मुहूर्त( आठवां मुहूर्त) : 24:09:26 से 25:00:20 तक रात्रि का आठवां मुहूर्त निशीथ काल
महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त ( 19 फरवरी) : 06:57:28 से 15:25:28 तक

Maha Shivratri 2022 Puja Samagri Puja Vidhi And Katha Know About All Thing- Maha  Shivratri 2022 Puja Samagri Vidhi And Katha : महाशिवरात्रि पूजन की सामग्री  यहां पढ़ें शिव पूजा विधि और व्रत कथा

शुभ मुहूर्त 18 फरवरी 2023
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:29 से 01:16 तक
अमृत काल : दोपहर 12:02 से 01:27 तक
गोधूलि मुहूर्त : शाम को 06:37 से 07:02 तक
चार पहर के महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर : 18 फरवरी शाम 6:21 मिनट से रात 9:31 तक
रात्रि द्वितीय प्रहर : 18 फरवरी रात 9: 31 मिनट से 12:41 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर : 18-19 फरवरी की रात 12:42 मिनट से 3: 51 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर : मध्यरात्रि बाद 3:52 मिनट से सुबह 7:01 मिनट तक

महाशिवरात्रि पूजा विधि 2023

Maha Shivratri 2019: Date, importance, significance and Puja Time of  mahashivratri in India - Oneindia News

महाशिवरात्रि पर शिवभक्त सुबह स्नानादि करके शिवमंदिर जाएं।
पूजा में चन्दन, मोली ,पान, सुपारी,अक्षत, पंचामृत,बिल्वपत्र,धतूरा,फल-फूल,नारियल इत्यादि शिवजी को अर्पित करें।
भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बेल को धोकर चिकने भाग की ओर से चंदन लगाकर चढ़ाएं।
‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का उच्चारण जितनी बार हो सके करें।
रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
अभिषेक के जल में पहले प्रहर में दूध, दूसरे में दही ,तीसरे में घी और चौथे में शहद को शामिल करना चाहिए।
दिन में केवल फलाहार करें, रात्रि में उपवास करें।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट