इंदौर। हमारे देश में लव मैरिज (Love marriage) और परिजन की सहमति से शादी को लेकर अकसर इस सवाल पर चर्चा होती है कि आखिर दोनों में से बेहतर क्या है? आज के युवाओं का प्रेम विवाह (Love marriage) पर भरोसा बढ़ गया है, लेकिन इसके नकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि लव मैरिज में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं।
इस बात की तस्दीक बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अधिकतर तलाक लव मैरिज में ही हो रहे हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की बेंच एक कपल के विवाद से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। तभी वकील ने बेंच को बताया कि जोड़े ने प्रेम विवाह किया है। इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि अधिकतर तलाक के मामले प्रेम विवाह (Love marriage) में ही सामने आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह कि कोर्ट ने इस जोड़े को मेडिटेशन यानी ध्यान करने की भी सलाह दी। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद मृदुभाषी ने वास्तविकता जानने की कोशिश की तो कई तथ्य उजागर हुए।
रिश्ते संभल नहीं पा रहे
देश में पुराने समय में अधिकतर लोग अरेंज्ड मैरिज को ही प्राथमिकता देते थे। नए दौर में युवा लव मैरिज कर रहे हैं। ऐसे में शीर्ष कोर्ट की टिप्पणी इशारा करती है कि प्रेम विवाह में आगे जाकर रिश्ते संभल नहीं पा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि लव मैरिज में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं। वास्तविकता यह है कि शादी कोई भी हो उसमें प्यार के साथ भरोसा भी होना चाहिए। केवल प्यार से काम नहीं चलता इसके साथ ही समाज शास्त्रियों का कहना है कि प्रेम विवाह (Love marriage) में उम्मीदों का बोझ कहीं अधिक होता है। इसलिए ऐसे विवाह के बाद रिश्ते संभल नहीं पाते हैं।
शादी के मामले में 2018 की स्थिति
शादी के मामलों को लेकर साल 2018 में ऑनलाइन मैचमेकिंग सर्विस ट्रूली मैडली ने एक सर्वे किया था। ट्रूली मैडली ने देश में 1 लाख 60 हजार से अधिक परिवारों का सर्वे किया था। उसमें यह तथ्य निकलकर आया था कि 93 फीसदी लोगों ने कहा था कि उन्होंने अरेंज्ड मैरिज की है। केवल 3 फीसदी ने लव मैरिज (Love marriage) की थी और 2 फीसदी ने लव-कम-अरेंज्ड मैरिज की थी।
शादी के मामले में 2020 और 2022 की स्थिति
देश में शादी के मामलों को लेकर द नॉट वर्ल्डवाइड की भारतीय सहायक कंपनी वेडिंगवायर इंडिया ने 2020 में एक सर्वे किया था। उस सर्वे में यह तथ्य आया था कि 68 फीसदी लोगों ने अरेंज्ड मैरिज की थी। लेकिन वेडिंगवायर इंडिया ने जब 2022 में सर्वे किया तो पता चला कि 44 फीसीदी कपल ने ही अरेंज्ड मैरिज की। यानी 2020 की तुलना में 2022 में अरेंज्ड मैरिज में 24 फीसदी की गिरावट आई। इन आंकड़ों से पता चलता है कि लव मैरिज का चलन बढ़ता जा रहा है।
वैवाहिक जीवन में धोखे के डर पर सर्वे
शादियों को लेकर एक तथ्य यह भी सामने आया है कि देश में हर चार में एक शादीशुदा लोगों को अपने वैवाहिक जीवन में धोखे का डर होता है। यह तथ्य हॉटस्टार आउट ऑफ लव सर्वे में सामने आया है। इसका मतलब यह है कि भारतीय शादियों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। हॉटस्टार आउट ऑफ लव सर्वे बताता है कि 45 प्रतिशत भारतीय अपने जीवनसाथी के फोन की जांच गोपनीय तरीके से करना चाहते हैं और 55 फीसदी लोग पहले ही ऐसा कर चुके हैं।
इस सर्वे के मुताबिक उत्तर भारत में 32 फीसदी लोगों को वैवाहिक जीवन में धोखा होने का डर है। पूर्वी भारत में यह डर 32 फीसदी लोगों को है। वहीं दक्षिण और पश्चिम भारत में ऐसा डर 21 फीसदी लोगों को है। हॉटस्टार आउट ऑफ लव सर्वे में सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि लव मैरिज (Love marriage) करने वाले लोगों में 62 फीसीदी अपने जीवनसाथी पर शक करते हैं।
वहीं अपने परिजन की सहमति से शादी करने वाले 52 फीसदी लोग अपने जीवनसाथी पर शक करते हैं। सर्वे में बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक शक करती हैं। क्योंकि अधिकतर महिलाएं पति का फोन चेक करती हैं।
2 मई का सुप्रीम कोर्ट का फैसला
2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वह संविधान के अनुच्छेद 142(1) के तहत तुरंत तलाक देकर विवाह को खत्म कर सकता है। हालांकि, ऐसा तभी ही हो सकता है कि जब यह साफ हो जाए कि शादी को बचाने का कोई भी रास्ता शेष नहीं बचा है।
लव मैरिज सफल नहीं होने के कारण
- बड़ों का पूरी तरह साथ नहीं मिलना
- प्यार के बाद हकीकत से सामना होना
- जल्दबाजी में शादी का फैसला ले लेना
- जीवनसाथी से बहुत ज्यादा उम्मीदें
- पति-पत्नी के बीच सम्मान की कमी
एक्सपर्ट्स व्यू
लाइफ कोच व सामाजिक कार्यकर्ता नीना जैन ने बताया कि कुछ हद तक मैं इस बात से इत्तेफाक रखती हूं कि लव मैरिज में विवाह विच्छेद की ज्यादा आशंका बनती है। एक सामाजिक कार्यकर्ता और लाइफ कोच होने के नाते मैं प्रतिदिन इस तरह के मामलों से रूबरू होती हूं। अगर गहराई में देखा जाए तो इसके कुछ कारण नजर आते हैं। दोनों के परिवारों की आर्थिक स्थिति में अंतर होना। बच्चे खुद की मर्जी से शादी करते हैं, फिर अर्थ की वजह से अनर्थ की शुरुआत होती है।
दोनों परिवारों की जाति, संस्कृति और संस्कारों में अंतर होना भी इसकी वजह है। जब तक लड़का-लड़की बाहर मिलते रहते हैं, तब तक सब अच्छा लगता है, लेकिन जब साथ रहने लगते हैं तो उन पर एक-दूसरे को निभाने की जिम्मेदारी आती है। मुश्किल तभी शुरू होती है। चूंकि अधिकतर लव मैरिज (Love marriage) बेहद ही कम उम्र के प्यार का परिणाम होता है, जिसमे दैहिक आकर्षण मुख्य रहता है। जब उसका खुमार उतरता है तो विवाह में और कुछ बाकी नहीं रहता। जल्दबाजी में बच्चे अपरिपक्व तरीके से जुड़ते हैं उसी तेजी में जरा सी अनबन होने पर अलग होने का निर्णय कर लेते हैं।
परिस्थितियां हैं जिम्मेदार
वैवाहिक जीवन में शक या धोखा योजना बनाकर नहीं होता। यह परिस्थितियों के कारण होता है। कई बार यह जिस्मानी जरूरतों के कारण होता है। कई बार यह भावनात्मक लगाव में कमी के कारण होता है। बोरियत, वित्तीय और लाइफस्टाइल की दिक्कतें भी इसकी वजह होती हैं।
-डॉ.रेमन लाम्बा, लाइफ कोच