Bihar Politics: LokSabha चुनाव 2024 को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। उनके प्रयासों के बीच उन्हें बड़ा झटका लगा है। उनके घटक दल हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने मंगलवार यानी 13 जून को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।
दरअसल, जीतन राम मांझी ने दिल्ली में 13 अप्रैल को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। तब से यह अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि जीतन राम मांझी फिर पलटी मारेंगे। अब संतोष मांझी के इस्तीफे से इन अटकलों को मजबूती मिल गई है।
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Toggleशाह से मिलने के बाद मांझी का यह था बयान
13 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने कहा था कि वह केंद्र सरकार से माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग करने दिल्ली आए हैं। मांझी ने कहा था-हमने गृह मंत्री से माउंटेन मैन को लेकर बातचीत की। हमलोग कई साल से बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं।
पहाड़ को काटकर सड़क बनाने वाले दशरथ मांझी ने दुनिया में मिसाल पेश की है। जब मांझी से पूछा गया था कि एनडीए में जा रहे हैं तो कहा- मैंने प्रण लिया है कि मैं नीतीश कुमार के साथ ही रहूंगा। सीएम नीतीश में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। नीतीश विपक्षी दलों को एकजुट करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं।
LokSabha: 5 सीट चाहते थे मांझी
जीतनराम मांझी ने 8 जून को स्वीकार किया कि वह बिहार में LokSabha की 40 सीटों में से पांच पर अपना प्रत्याशी उतारना चाहते हैं। हालांकि मीडिया के सामने नहीं माना कि ऐसा नहीं होने पर महागठबंधन छोड़ देंगे। वैसे, पांच सीटों का ही मसला नहीं था। 13 अप्रैल को शाह से मिलने के बाद एनडीए से उनकी नजदीकियां बढ़ीं और महागठबंधन में खासकर राजद से तल्खी बढ़ी। 12 अप्रैल को मांझी ने यह स्वीकार किया कि उनकी पार्टी को विपक्षी दलों की बैठक का बुलावा नहीं मिला है।