श्रीनगर। कश्मीरी पंडितों ने एक बार फिर से अपनी सुरक्षा की मांग तेज कर दी है। घाटी में पीएम पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कर्मचारियों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन कर, सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
ये लोग खुद को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की मांग कर रहे हैं। मई-और जून में कश्मीर में हुई टारगेट किलिंग के चलते कश्मीर पंडित पलायन कर जम्मू पहुंचे थे। 4 महीने से ज्यादा वक्त बीत गया, लेकिन अभी भी वो अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि जब तक हमें सुरक्षित माहौल नहीं मिलता, हम घर वापसी नहीं करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 3 से 5 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। शाह के दौरे से कश्मीरी पंडितों को काफी उम्मीदें थीं। उन्हें लग रहा था कि गृहमंत्री उनकी समस्या समझेंगे और घर वापसी की व्यवस्था करेंगे। वहीं, शाह के संबोधन में कश्मीरी पंडित की परेशानी का जिक्र भी न होने से वे नाराज हैं। मई और जून में घाटी में आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। ऐसे में कश्मीरी पंडितों ने सरकार से सुरक्षा मांगी। इस पर कई इलाकों में सुरक्षा भी बढ़ाई गई, लेकिन कश्मीरी पंडितों पर हमले कम नहीं हुए। टारगेट किलिंग के खौफ में 2 जून की रात कई इलाकों में 90% कश्मीरी पंडितों ने घर छोड़ दिया।