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कैलाश विजयवर्गीय ने कहा चुनाव लड़कर ही बनूंगा सांसद, प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन पर कही ये बात

इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्यसभा की उम्मीदवारी से इनकार कर दिया है। उन्होंने संकेत दिए कि वे चुनाव लड़कर ही सांसद बनेंगे। विजयवर्गीय इंदौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से जुड़े कर्यक्रमों का जायजा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की।

राज्यसभा में जाने से किया इंकार

दरअसल इन दिनों सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल बनने के बाद खाली हुई सीट पर बीजेपी कैलाश विजयवर्गीय को राज्यसभा भेज सकती है। इंदौर में जब उनसे इस मुद्दे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने खुद को राज्यसभा की रेस से बाहर बताया। विजयवर्गीय ने कहा कि राज्यसभा में जाने का मेरा कोई इरादा नहीं है, जब भी मुझे पार्लियामेंट में जाना होगा तो चुनाव लड़कर ही जाऊंगा। राज्यसभा की खाली हुई सीट से विजयवर्गीय को भेजे जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उनके इस बयान के बाद माना जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय राज्यसभा नहीं जा रहे हैं। नंदकुमार चौहान के निधन से खंडवा सीट खाली हो गई है। उसके लिए बीजेपी ने फिलहाल कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि बीजेपी महासचिव का बयान इसी ओर इशारा है। वे इस सीट के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं।

बयान की टाइमिंग

प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है, लेकिन हाल ही में कांग्रेस ने पत्ते खोलते हुए बड़ा ऐलान किया है। कांग्रेस ने राज्यसभा उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने की घोषणा कर दी है, जिससे यह सीट बीजेपी के खाते में आसानी से जाती दिख रही है, लेकिन अब तक सत्ताधारी बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया है। वहीं इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने राज्यसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है।

फिर कौन जाएगा राज्यसभा में

राज्यसभा की इस सीट के लिए दावेदारी शुरू हो गई है। कई बड़े नामों की चर्चा भी है। बीजेपी के अंदर यह भी मांग है कि यह सीट थावरचंद गहलोत के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। वह अनुसूचित जाति से आते थे। ऐसे में पार्टी इस सीट से उसी जाति से आने वाले लोगों को राज्यसभा भेजे। वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने साफ कर दिया है कि एमपी में खाली राज्यसभा की एक सीट के लिए उम्मीदवार केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगी। वहीं, अगर एससी फार्मूला लागू होता है तो बीजेपी एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य भी प्रबल दावेदार हो सकते हैं। लाल सिंह आर्य शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।

इन बड़े नामों की है चर्चा

भाजपा में राज्यसभा के लिए कुछ बड़े नामों की चर्चा है। इसमें पूर्व सीएम उमा भारती का भी नाम है। इसके साथ ही कुछ केंद्रीय मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों के नाम की भी चर्चा है। इसके साथ ही संगठन में शामिल कुछ बड़े चेहरों के नाम भी तैर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इसी सप्ताह उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है क्योंकि नामांकन के लिए आखिरी तारीख 22 सितंबर है।

किसी भी राज्य में हो सकता है बदलाव

उत्तराखंड और गुजरात के राजनीतिक बदलाव पर विजयवर्गीय ने मीडिया से कहा कि परिवर्तन कहीं भी हो सकता है। उन्होंने मध्यप्रदेश में राजनीतिक बदलाव से स्पष्ट इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में नेतृत्व बदलने की परंपरा पहले से ही है। नेता बदलने से विचारधारा नहीं बदल जाती। मीडिया के एक सवाल पर विजयवर्गीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि देश का विपक्ष नेता विहीन हो गया है। इसके लिए कई चेहरों को आजमाया जा रहा है। उनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने प्रशांत किशोर और कन्हैया कुमार पर भी निशाना साधा।

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