Justice BV Nagarathna: आजादी के बाद पहली बार देश को सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिल सकती है। यदि सब कुछ तयशुदा मापदंडों से चलता रहा तो जस्टिस बीवी नागरत्ना 2027 में शीर्ष न्यायालय के चीफ जस्टिस का ओहदा संभाल सकती है।
कर्नाटक हाईकोर्ट की जज हैं जस्टिस नागरत्ना
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस नागरत्ना समेत 9 जजों के नाम की सिफारिश पदोन्नति के लिए की है। जस्टिस नागरत्ना फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट की जज हैं। जस्टिस नागरत्ना के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। जस्टिस ईएस वेंकटरमैया का कार्यकाल 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989 तक था।
2008 में बनी हाईकोर्ट में एडिशनल जज
2008 में जस्टिस नागरत्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। 2010 में उनको न्यायाधीश के रूप में स्थाई करने के आदेश जारी किए गए। जस्टिस नागरत्ना और अन्य जजों ने 2012 में फेक न्यूज के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार को मीडिया ब्रॉडकास्टिंग को रेगुलेट करने की संभावनाओं की जांच करने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया पर सरकारी नियंत्रण के खतरों से भी सचेत किया था।
सुप्रीम कोर्ट में होते हैं 34 जज
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिशों को मानने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में 25 जज हैं और मुख्य न्यायाधीश सहित यहां पर कुल 34 न्यायाधीशों के पद हैं। गौरतलब है पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के 19 मार्च 2019 में सेवानिवृत्त होने के बाद अभी तक सुप्रीम कोर्ट में एक भी नियुक्ति नहीं की गई है।
9 में से है 3 महिला जज
कोलेजियम के द्वारा जिन जजों की सिफारिश की गई है उनमें जस्टिस नागरत्ना के अलावा तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली, जरात हाईकोर्ट की जज बेला त्रिवेदी, कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीतेंद्र कुमार माहेश्वरी, केरल हाईकोर्ट के जज सीटी रवि और जस्टिस एमएम सुंदरेश के नाम शामिल है।