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MP Election News: अपना गढ़ होने के बावजूद जीतू पटवारी (Jitu Patwari) के कारण 2008 में बनी राऊ(Rau) सीट को चुनौतीपूर्ण मान रही है भाजपा(BJP)

अपना गढ़ होने के बावजूद जीतू पटवारी (Jitu Patwari) के कारण 2008 में बनी राऊ(Rau)

MP Election News: नगर निगम और लोकसभा चुनाव में राऊ से हमेशा भाजपा को बढ़त जबकि विधानसभा चुनाव पिछली दो बार से कांग्रेस (Congress) जीत रही है

MP Election News: 2023 के चुनाव में जीतू पटवारी (Jitu Patwari) का लड़ना लगभग तय, लेकिन भाजपा (BJP) में आधा दर्जन नेता टिकट की दौड़ में

मृदुभाषी – Jitu Patwari 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राऊ (Rau) विधानसभा सीट से विधायक है और भाजपा का गढ़ होते हुए भी विधानसभा चुनाव (Election) दृष्टि से पार्टी ने इसे आकांक्षी सीटों की सूची में रखा है। आकांक्षी सीटों से भाजपा (BJP) का आशय यह है कि पार्टी ऐसी विधानसभा सीटों को 2023 चुनाव के संदर्भ में कमजोर मान रही है। पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों को कमजोर श्रेणी में माना है। राऊ (Rau) विधानसभा सीट राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों की दृष्टि से पूरी तरह भाजपा (BJP) के अनुकूल है। लोकसभा, मेयर और पार्षदों के चुनाव में भाजपा को हमेशा इस विधानसभा सीट से बढ़त मिलती रही है।

पिछले वर्ष हुए नगर निगम चुनाव (Nagar Nigam) में राऊ विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले केवल 8 वार्डों से भाजपा को 31000 मतों की बढ़त मिली थी। पार्टी ने यहां से 6 पार्षद निर्वाचित करवाएं। 2019 के लोकसभा (Loksabha) चुनाव में भी सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) को पंकज संघवी (Pankaj Sanghvi) के मुकाबले लगभग 54000 मतों की लीड मिली थी। राऊ विधानसभा सीट से सुमित्रा ताई को भी 2009 और 2014 के चुनाव में भारी बढ़त मिली है। जबकि मेयर (Mayor) के चुनाव में भी पार्टी यहां से लगातार जीती है।

(Jitu Patwari) की इस विधानसभा सीट (Vidhansabha Seat) में बड़ी संख्या में मराठी भाषी, हिंदी ब्राह्मण और अन्य सवर्ण मतदाता रहते हैं, जो भाजपा के परंपरागत वोटर हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में राऊ नगर पालिका और अन्य ग्रामीण क्षेत्र भी आता है। ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में पाटीदार, धाकड़ और राजपूत मतदाता रहते हैं जिन्हें भाजपा का समर्थक माना जाता है। राऊ नगर पालिका में भी पिछले दो बार से भाजपा को बहुमत मिल रहा है।

भाजपा (BJP) के अनुकूल ऐसी सीट पर भी जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने लगातार दो बार से जीत का परचम लहराया है। 2013 में उन्होंने 19000 से अधिक मतों से तत्कालीन भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष जीतू जिराती (Jitu jirati) को हराया था। दिलचस्प संयोग यह था कि उस समय जीतू पटवारी (Jitu Patwari) भी युवक कांग्रेस (Youth Congress) के प्रदेश अध्यक्ष थे।

एक और दिलचस्प संयोग यह है कि दोनों नेता विधानसभा क्षेत्र के बीजलपुर (Bijalpur)ग्राम पंचायत में एक दूसरे के पड़ोसी हैं। जीतू जिराती (Jitu jirati) 2008 में यहां से जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को हराकर विधायक निर्वाचित हो चुके थे लेकिन 2013 में जीतू पटवारी (Jitu Patwari) के हाथों शिकस्त खा गए। 2018 में पार्टी ने यहां से मधु वर्मा को टिकट दिया। उन्होंने अच्छी फाइट की लेकिन वे लगभग 5300 मतों से हार गए। 2023 के विधानसभा चुनाव में जीतू पटवारी का फिर से चुनाव में उतरना तय है।

प्रदेश कांग्रेस के दोनों प्रमुख नेताओं, कमलनाथ (Kamalnath) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने जीतू पटवारी को चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं। जीतू पटवारी (Jitu Patwari) राहुल गांधी (Rahul gandhi) तक एप्रोच रखते हैं इसलिए भी उनका टिकट कटना आसान नहीं है। जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को जनाधार वाला नेता माना जाता है। उनका तगड़ा संपर्क और नेटवर्क राऊ सीट पर है। ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर बड़ी चुनौती है। भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने के लिए लगभग आधा दर्जन नेता उत्सुक हैं। इनमें से अधिकांश इस सीट पर सक्रिय भी हैं।

ये हैं भाजपा की ओर से प्रमुख दावेदार

भाजपा (BJP) की ओर से 2008 में विधायक (MLA) रहे जीतू जिराती (Jitu jirati) के अलावा पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे मधु वर्मा प्रमुख रूप से दावा कर रहे हैं। इनके अलावा मराठी भाषियों की अच्छी संख्या को देखते हुए नगर भाजपा (BJP) अध्यक्ष गौरव रणदिवे, ताई के जेष्ठ पुत्र मिलिंद महाजन और ताई के एक अन्य समर्थक पार्षद रहे सुधीर देडगे भी दावेदारों में शामिल हैं।

इनके अलावा प्रदेश युवा आयोग के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त डॉ निशांत खरे भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थन के बूते राऊ से टिकट चाहते हैं। इन दावेदारों के अलावा इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा भी इस विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। कांग्रेस की ओर से वैसे तो जीतू पटवारी का टिकट लगभग तय माना जा रहा है लेकिन उनके अलावा राऊ नगर पालिका के लगातार तीन बार अध्यक्ष रहे मनोज सुले का नाम भी हमेशा चर्चा में रहता है।

राऊ विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं

राऊ विधानसभा क्षेत्र का 40 फ़ीसदी हिस्सा शहरी और 60 फ़ीसदी हिस्सा ग्रामीण है। शहरी हिस्सा इंदौर नगर निगम (IMC) के अंतर्गत आता है। इस कारण से यहां विकास कार्य खूब हुए हैं। लोकमान्य नगर, वैशाली नगर, सुदामा नगर, परस्पर नगर, दत्ता नगर, प्रगति नगर, ब्रिज बिहार, सिलीकान सिटी, जैसी कॉलोनियां इस क्षेत्र में आती हैं,जहां के नागरिक स्वच्छता के मामले में काफी जागरूक हैं। यहां के शहरी क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या बढ़ते अपराध और जल निकासी का उचित प्रबंधन नहीं होना है। थोड़ी सी बारिश में शहरी क्षेत्र की सड़कें पानी से भर जाती हैं।

इसके अलावा इस क्षेत्र में अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र की ट्रेजर फेंटेसी कॉलोनी के एक हिस्से में नशाखोरी और बढ़ती गुंडागर्दी से तंग आकर नागरिकों ने मकान बिकाऊ हैं,के पोस्टर अपने घरों के बाहर चस्पा किए थे। जिनकी चर्चा प्रदेश स्तर तक मीडिया में रही। इंदौर पुलिस ने बाद में एक विशेष टीम गठित कर इस समस्या को हल करने का प्रयास किया है।

इसी क्षेत्र के कैट रोड, केसरबाग ब्रिज, प्रतीक(राजेंद्र नगर) सेतु और रेती और फल मंडी क्षेत्र में भी चैन स्नैचिंग और मोबाइल छीनने की घटनाएं होती रहती हैं। जबकि यहां अनेक कॉलोनियों में आए दिन चोरी की वारदातें भी लगातार हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की समस्या और डॉक्टरों की कमी को लेकर नागरिकों की शिकायत रहती है।

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