जब आप किसी चीज को शिद्दत से चाहते हो और उस लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते हो तो सारी कायनात उस चिज को आपसे मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है नवादा मंडल कारा के एक बंदी सूरज कुमार ने। जेल में रहते हुए सूरज ने आईआईटी की ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) की परीक्षा में सफलता हासिल की है। पिछले हफ्ते जारी रिजल्ट में सूरज को ऑल इंडिया में 54वां रैंक हासिल हुआ है। वह अब आईआईटी रूड़की में एडमिशन लेकर मास्टर डिग्री कोर्स कर सकेगा।
विचाराधीन बंदी सूरज वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है और तकरीबन एक साल से हत्या एक मामले में बतौर आरोपी जेल में बंद है। मंडल कारा नवादा में रहते हुए उसने इस कठिन मानी जाने वाली परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा की तैयारी में जेल प्रशासन ने उसकी काफी मदद की। कड़ी मेहनत व लगन से उसने जेल में रहते हुए अपनी मेहनत से परिसखा की तयारी की और अच्छी रैंक भी हासिल की।
अप्रैल 2021 में गया था जेल
सूरज के आरोपों की बात करें तो अप्रैल 2021 से सूरज जेल में है। दरअसल नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के मोसमा गांव में रास्ता विवाद को लेकर दो परिवारों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। अप्रैल 2021 को हुई मारपीट में संजय यादव बुरी तरह जख्मी हो गए थे. इलाज के लिए पटना ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई थी. तब मृतक के पिता बासो यादव ने सूरज, उसके पिता अर्जुन यादव समेत नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 19 अप्रैल 21 को पुलिस ने सूरज समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, तभी से सूरज जेल में है। जारी रिजल्ट में सूरज को ऑल इंडिया में 54वींं रैंक हासिल हुई है. इसके साथ ही वह अब आईआईटी रुड़की में एडमिशन लेकर मास्टर डिग्री कोर्स कर सकेगा।