नई दिल्ली: फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो अब इंस्टेंट डिलीवरी मार्केट में भी दस्तक देने के लिए तैयार है. कंपनी ने सोमवार को अपने नए फीचर ‘10 मिनट में फूड डिलीवरी’ की घोषणा की. जिसे अगले महीने से शुरू किया जाएगा। बतादें कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप जोमैटो 30 मिनट में नहीं बल्कि सिर्फ 10 मिनट में आपके घर गरमा-गरम खाना पहुंचाएगी। कंपनी के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, मुझे लगता है कि जोमैटो का 30 मिनट की डिलीवरी का औसत समय बहुत धीमा है। यह जल्द ही चलन से बाहर हो जाएगा। अगर हम इसे नहीं बदलते हैं तो कोई और यह काम करेगा।
टेक इंडस्ट्री में बने रहने का सिर्फ एक ही तरीका है…इनोवेशन (नवाचार) करना और आगे बढ़ना। इसलिए अब हम अपने 10 मिनट में फूड डिलीवरी ऑफर ‘जोमैटो इंस्टा’ के साथ आए हैं। इसमें गुणवत्ता और सुरक्षा को कोई समझौता नहीं होगा। यह आठ सिद्धातों पर आधारित होगी, जिसमें ताजा खाने की उच्च गुणवत्ता और साफ-सफाई भी शामिल है। उधर, जोमैटो की इस सुविधा का विरोध भी होने लगा है। रेस्टोरेंट फेडरेशन का कहना है कि यह सही नहीं है।
गोयल ने कहा, नई सुविधा अप्रैल से गुरुग्राम के चार स्टेशन से शुरू होगी। जल्द डिलीवरी करने का वादा बड़े फिनिशिंग स्टेशनों के नेटवर्क पर निर्भर करेगा, जो अधिक मांग वाले ग्राहकों के इलाकों के आसपास स्थित होगा। प्राथमिकता के आधार पर अगल-अलग रेस्टोरेंट्स के सबसे ज्यादा बिकने वाले 20-30 उत्पाद रखेंगे। कंपनी इसे सुनिश्चित करने के लिए डिश-लेवल डिमांड प्रेडिक्शन एल्गोरिदम और इन-स्टेशन रोबोटिक्स पर भी बहुत ज्यादा निर्भर होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि डिलीवरी पार्टनर की ओर से चुने जाने पर खाना ताजा और गरमा-गरम हो।
दीपिंदर गोयल ने ट्वीट में कहा, मैं आपको सिर्फ इस बारे में और बताना चाहता हूं कि 10 मिनट की डिलीवरी कैसे काम करती है और यह 30 मिनट की डिलीवरी जितनी सुरक्षित कैसे है। इसमें डिलीवरी ब्वॉय की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। हम किसी की जिंदगी को जोखिम में नहीं डालते हैं।
डिलीवरी ब्वॉय पर तेजी से डिलीवरी करने का कोई दबाव नहीं डालते हैं। देरी पर जुर्माना भी नहीं लगाते क्योंकि खाना पहुंचाने वाले को डिलीवरी समय के बारे में नहीं बताया जाता। हम अपने डिलीवरी ब्वॉय को सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षा देना जारी रखते हैं। दुर्घटना और जीवन बीमा भी देते हैं।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम का कहना है कि यह बिल्कुल बेतुकी सेवा है। इससे डिलीवरी ब्वॉय पर अनावश्यक दबाव बढ़ेगा, जो न तो कंपनी के कर्मचारी हैं और न ही उन्हें कोई फायदा और सुरक्षा मिलती है। उनके पास तो जोमैटो से मोलभाव करने की ताकत भी नहीं है। मैंने यह मुद्दा संसद में उठाया है और सरकार को चिट्ठी भी लिखी है। यह खतरनाक और अनावश्यक है। इससे राइडर और सड़क पर मौजूद लोगों के लिए खतरा बढ़ सकता है। इतनी भी जल्दी नहीं है और न ही कोई ऐसा मूर्ख होगा, जो 10 मिनट पहले सोचे कि उसे 10 मिनट बाद क्या खाना है। -सुहेल सेठ, एक्टर और लेखक यह दबाव खतरनाक हो सकता है। मुझे यकीन है कि किसी को भी फूड डिलीवरी के लिए 30 मिनट का इंतजार करने में कोई समस्या नहीं होगी। वैसे भी अगर इस समय पर खाना डिलीवर नहीं हुआ तो दुनिया खत्म नहीं होने वाली। -प्रियंका चतुर्वेदी, राज्यसभा सांसद मैं वह खाना नहीं खाना चाहता, जो किसी ने अपना जीवन जोखिम में डालकर मेरे पास पहुंचाया है। -गुंजन रस्तोगी, शोधार्थी एक ग्राहक के रूप में 10 मिनट का समय कमाल लगता है, लेकिन ईमानदारी से यह निश्चित रूप से आपके डिलीवरी ब्वॉय को तनावग्रस्त और लापरवाह बना देगा। -ट्विटर यूजर