Vaccination: कोविड महामारी के प्रकोप से तो लोगों को धीरे-धीरे निजात मिल रही है, लेकिन इसके बावजूद लोगों के आर्थिक हालत काफी बिगड़ गए हैं। कोरोना से त्रस्त अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुफ्त वैक्सीन और राशन मुहैया का एलान किया है, लेकिन सरकार की ये दरियादिली देश पर काफी भारी पड़ेगी और इससे 800 अरब रुपये यानी 80 हजार करोड़ रुपये का बोझ बड़ेगा।
700 अरब रुपये का होगा आवंटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ऐलान किया कि 21 जून से देश में हर नागरिक को मुफ्त वैक्सीनेशन होगा और साथ ही महामारी से प्रभावित हुए लाखों-करोड़ों लोगों को दिवाली तक मुफ्त राशन भी मिलेगा। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि मुफ्त राशन देने के लिए भारत सरकार अतिरिक्त 700 अरब रुपये आवंटित करेगी। इसके साथ ही फ्री वैक्सीनेशन के लिए 100 अरब रुपए की जरूरत होगी। पीएम मोदी ने सोनवार को कहा कि अब 18 साल से ज्यादा आयु वाले सभी नागरिकों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
35 हजार करोड़ रुपये बजट में हो चुके हैं आवंटित
इससे पहले केंद्र सरकार सिर्फ 45 साल से ज्यादा आयु के लोगों को मुफ्त टीका उपलब्ध करवाती थी और 18 से 44 साल के लोगों के लिए राज्य सरकारें टीका खरीद रही थीं। केंद्र सरकार पहले ही वार्षिक बजट में टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपये आवंटन कर चुकी है। देश में 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में अब तक 23.2 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इनमें से 3.4 फीसदी लोगों को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। मौजूदा गति से भारत को अपनी 75 फीसदी आबादी को टीका देने में अभी 22 महीने का वक्त और लगेगा। गौरतलब है वैक्सीनेसन की धीमी रफ्तार और कमी को लेकर कुछ समय पहले काफी होहल्ला मचा था।