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पार्टी में ‘ड्रग’ मिलाकर कैसे हो रहा कुकर्म ?

एक ऐसा ड्रग जिसका कोई रंग नहीं, कोई खुशबु नहीं, इसे बदमाश अक्सर कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर लड़कियों के साथ गैंग रेप करते हैं। कोलकाता, कोच्चि से लेकर जयपुर से इस तरह के मामले सामने आए है। 31st की पार्टी से पहले इसका खतरा वापस बढ़ गया है। आइये जानते हैं इस ड्रग से जुड़ी सारी जानकारी।

पार्टी में धोखे से लड़कियों को ड्रिंक में ‘रेप ड्रग्स’ मिलाकर पिला देने की ये घटनाएं आम हैं। पार्टियों का दौर शुरू होते ही ऐसी घटनाएं और बढ़ जाती हैं। इसकी एक बड़ी वजह पार्टी में ड्रग्स का बढ़ता ट्रेंड भी है। इसी कारण न्यू ईयर से पहले ही गोवा से लेकर दिल्ली तक पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हैं। नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसा जा रहा है, ताकि पार्टी के बहाने बढ़ते ‘ड्रग्स कल्चर’ और रेप जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

क्लब ड्रग्स, पार्टी ड्रग्स, रेव ड्रग्स जैसे नामों से जाने जाने वाले इन नशीले पदार्थों का चोरी-छुपे इस्तेमाल हाउस पार्टी, कॉलेज पार्टी, रेव पार्टी, बार और नाइट क्लब से लेकर कॉन्सर्ट्स तक में होता है। इनमें से अधिकतर साइकोएक्टिव ड्रग्स होती हैं। साइकोएक्टिव ड्रग्स को लेते ही ब्रेन पर असर पड़ता है।

जिससे मूड, अवेयरनेस, फीलिंग्स और बिहेवियर से लेकर सोचने-समझने का तरीका तेजी से बदल जाता है। गैरकानूनी होने के बावजूद बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियां शौक और मजे के लिए मजे के लिए इन ड्रग्स को यूज कर लेते हैं।

GHB यानी इस ड्रग में कोई गंध नहीं होती और न ही कोई रंग होता है। क्रिमिनल माइंड वाले लड़के पार्टी के दौरान चुपके से कोल्ड ड्रिंक में यह ड्रग्स मिलाकर लड़की को पिला देते हैं। पीते ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर इसका असर होता है और अचानक से सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है। लड़की होश खोने लगती है, उसे चक्कर आने लगते हैं और दृष्टिभ्रम, मतिभ्रम होने लगता है। उसे खुद पर काबू नहीं रहता और असहाय हो जाती है। जिससे पीड़िता रेप का विरोध नहीं कर पाती।

होश में आने के बाद उसे कुछ भी याद नहीं रहता कि बेहोशी की हालत में उसके साथ क्या हुआ है। सेक्शुअल असॉल्ट के लिए यूज होने की वजह से ही GHB को रेप ड्रग कहा जाता है। इसका स्वाद साबुन जैसा या नमकीन हो सकता है। कॉलेज स्टूडेंट्स अक्सर इस ड्रग्स का इस्तेमाल पार्टी के दौरान करते हैं। GHB की वजह से पीड़िता कोमा में भी जा सकती है। इसके असर से नींद न आने की बीमारी, एंग्जाइटी, पसीना आना, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ना, डिप्रेशन, याददाश्त खोना, सिरदर्द, कंफ्यूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इस खतरनाक ड्रग का बचाव केवल जागरूकता है, कभी खुद कोई ड्रग न ले, साथ ही किसी भी व्यक्ति को आपके लिए ड्रिंक न बनाने दे, क्योंकि अधिकांश मामलों में दूसरे लोग ही ड्रिंक बनाते समय यह ड्रग ड्रिंक में मिला देते हैं।

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