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बढ़ते कोरोना संक्रमण पर सख्त हुई सरकार, मास्क नहीं लगाने पर भेजेंगे जेल

इंदौर। तीसरी लहर के बावजूद शहर में अधिकांश लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। बहुत कम लोग ही मास्क लगा रहे है। यही वजह है कि शहर में कोरोना संक्रमण ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। दरअसल शहर में मिल रहे संक्रमितों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं, लेकिन यहीं बात खतरनाक साबित हो रही है। लक्षण नहीं होने की वजह से लोगों को पता ही नहीं चल रहा कि वे संक्रमित भी हैं। ये लोग परिवार के साथ रहकर और शहर में घूमकर दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं। ऐसे में मास्क नहीं पहनना संक्रमण में भारी इजाफा कर रहा है।

संक्रमण दर बढ़कर पहुंची 5.4 प्रतिशत

शहर में दिसंबर से तीन गुना मरीज जनवरी में पांच दिन में मिले हैं। इस वजह से संक्रमण दर बढ़कर 5.4 प्रतिशत पहुंच गई है। दिसंबर के अंत तक संक्रमण दर आधा प्रतिशत से भी कम चल रही थी। यह मंगलवार तक 3.91 फीसदी थी। महामारी पर कंट्रोल के लिए संक्रमण दर का 1 प्रतिशत से कम होना जरूरी है। यही वजह है कि शहर के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों को सख्त चेतावनी दी है। मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार बाजारों में फेस मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि बढ़ाने की योजना बना रही है और खुली जेल स्थापित करने पर भी विचार कर रहे हैं। जो लोग मास्क नहीं लगाएंगे उन्हें खुली जेल में भेज दिया जाएगा।

200 रुपए जुर्माने का है प्रावधान

अभी प्रदेश सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों पर 200 रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इस राशि को बढ़ाया जा सकता है। अधिक से अधिक लोग मास्क पहनें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार रोको टोको कार्यक्रम भी चला रही है। हालांकि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहा है कि वर्तमान में कोरोना मामलों की संख्या में वृद्धि के बावजूद लॉकडाउन या बाजार बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

मई 2021 जैसे हालात

इंदौर में पिछले साल अप्रैल-मई माह में कोरोना की दूसरी लहर ने जो कोहराम मचाया था वैसा ही कुछ अब देखने को मिल रहा है। हालांकि जैसे भयावह हालात उस समय थे वैसे तो अभी नहीं हैं मगर कोरोना केस बढ़ रहे हैं। पिछले साल मई महीने में 500 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे और इस बार भी वही हो रहा है। 24 घंटे में 517 नए मरीज मिले हैं। इनमें 65 मरीज ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव आई है।

रैपिड रिस्पॉन्स टीम में इजाफा

इंदौर में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1270 से ज्यादा हो गई है। इसे देख अब प्रशासन चिंतित हो गया है। लगातार बढ़ रहे केस को देखते हुए इंदौर में रैपिड रिस्पॉन्स टीमें बढ़ाकर 38 कर दी गई हैं। 4 टीम का और इजाफा किया गया है। ज्यादा उम्र के ऐसे मरीज जो कोर्बिड (दूसरी बीमारियां) हैं, उन्हें अस्पताल में एडमिट किया जा रहा है।

होम आइसोलेट किया जा रहा मरीजों को

शहर में अधिकांश मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं है लिहाजा उनको होम आइसोलेट किया जा रहा है लेकिन संक्रमण की दर जिस तरह से बढ़ रही है उसके चलते अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में सुविधा संसाधनों पर ध्यान दिया जा रहा है।

डिस्चार्ज किए जा रहे मरीजों की संख्या कम

इन दिनों जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, उसकी तुलना में डिस्चार्ज किए गए लोगों की संख्या कम है। चार दिन में सिर्फ 107 संक्रमित ठीक हुए। बुधवार को 62 लोगों को डिस्चार्ज किया। अभी होम आइसोलेट व अस्पताल से तब ही डिस्चार्ज किया जा रहा है कि जब संबंधित की रिपोर्ट 7 दिन बाद निगेटिव आई। कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जिनकी रिपोर्ट 10 दिनों बाद भी निगेटिव आ रही है। ठीक होने की दर साढ़े 16 प्रतिशत के आसपास ही है।

खुद जांच करवाएं लोग

अभी जितने भी मरीज मिल रहे हैं उनमें से 80 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे हैं जो रेंडम सैंपलिंग के दौरान सामने आ रहे हैं। इन लोगों को पता ही नहीं होता कि वे संक्रमित हैं और वे संक्रमण को आगे बढ़ाते रहते हैं। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि लोग खुद फीवर क्लीनिकों पर पहुंचकर जांच करवाएं और सुरक्षित रहें।डॉ.बीएस सैत्या, सीएमएचओ इंदौर

  • 2,475 एक्टिव केस हो गए हैं मप्र में।
  • 1.47 प्रतिशत हुई मप्र की संक्रमण दर।
  • 5.4 प्रतिशत पर पहुंची इंदौर की संक्रमण दर।
  • 01 प्रतिशत से कम होना जरूरी है पॉजिटिविटी रेट।
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