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किसान आंदोलन Live: सरकार सुधार को राजी, किसान कानून वापस लेने पर अड़े

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसान प्रदर्शन का आज 9वां दिन है। आंदोलन की वजह से दिल्ली बॉर्डर पर 9 प्वाइंट पर ट्रैफिक को रोक दिया गया है। सरकार और किसानों के साथ गुरुवार को हुई बातचीत के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आंदोलन अभी जारी रहेगा, क्योंकि चौथे दौर की बातचीत में भी कई मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है। किसान कानून वापस करने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनकी मांग है की कानून वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।

केंद्र और किसानों के बीच 5वें राउंड की बातचीत 5 दिसंबर को होगी। इससे पहले केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत करीब 7 घंटे चली, लेकिन इस मैराथन बैठक का कोई खास नतीजा निकलकर सामने नहीं आया। बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को छुआ नहीं जाएगा। इसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा प्रदान की गई है। उनकी जमीन पर कब्जा कोई नहीं कर सकता है ।

वहीं आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि मुद्दा सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का नहीं है। सरकार को पूरा कानून वापस लेना चाहिए। वहीं किसानों के समर्थन में अब राजनेता आगे आ रहे हैं। पंजाब के पूर्व सीएम और अकाली दल के कद्दावर नेता प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है।

बादल को 2015 में ये अवॉर्ड प्रदान किया गया था। बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने NDA से 22 साल पुराना नाता कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में तोड़ लिया था। इससे पहले 17 सितंबर को हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से विरोध जताते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने का फैसला किया है।

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