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गांगुली ने अध्यक्ष पद छोड़ा नहीं उनसे छीना गया: TMC बोली- ये भाजपा की चाल

सौरव गांगुली द्वारा भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद से हटने के फैसले के बाद से भाजपा और टीएमसी आपस में भिड़े हुए हैं। रोजर बिन्नी के सौरव गांगुली की जगह बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने की संभावना है। इन खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को ‘अपमानित करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया।

मुंबई में मंगलवार को BCCI हेड क्वार्टर में एक बड़ी मीटिंग हुई। यहां पूरे देश के क्रिकेट संघ से बड़े अधिकारी आए हुए थे। BCCI का नियम है कि पुराना अध्यक्ष ही नए अध्यक्ष का नाम प्रस्तावित करता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गांगुली ने ये नहीं किया। वो दूसरी बार BCCI अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन लोग उनके सपोर्ट में नहीं आए। ऐसे में उन्होंने अपनी नाराजगी छिपाने की कोई कोशिश भी नहीं की।

पहले गांगुली BCCI अध्यक्ष पद से हटाए गए। इसके बाद उन्हें IPL चेयरमैन पद का ऑफर किया गया। सोचिए जो आदमी पिछले 3 साल से BCCI का अध्यक्ष हो। उसे IPL का चेयरमैन बनाया जा रहा है। ये एक तरह से उनके लिए डिमोशन था और गांगुली तो ठहरे प्रिंस ऑफ कोलकाता वो इसे कैसे सह सकते थे। उन्होंने कहा कि BCCI अध्यक्ष हटने के बाद मैं उसकी किसी उपसमिति का अध्यक्ष नहीं बन सकता। इन खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी TMC ने बड़ा आरोप भी लगा दिया है। उसका कहना है कि भाजपा ने सौरव गांगुली को अपमानित किया है, क्योंकि वह उन्हें पार्टी में शामिल करने में विफल रही। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे। टीएमसी ने यह भी दावा किया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है। जब गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं तो गांगुली क्यों नहीं।

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