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Ganesh Chaturthi 2021: श्रीगणेश को दूर्वा है अति प्रिय, जानिए इसका शास्त्रोक्त महत्व

Ganesh Chaturthi 2021: मान्यता है कि प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की आराधना करने से समस्त कष्टों का नाश होता है और सुख-समृद्धि के साथ एश्वर्य का वर प्राप्त होता है। श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि गणपति को दूर्वा समर्पित करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

अनलासुर के आतंक का किया था अंत

गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने के संबंध में एक पौराणिक कथा का शास्त्रों में वर्णन है। इस कथा के अनुसार पौराणिक काल में अनलासुर नाम का एक दैत्य हुआ करता था। अनलासुर का आंतक चारों तरफ फैला हुआ था। अनलासुर के आतंक से देवी-देवता काफी परेशान हो गए थे। इस असुर के आतंक से मुक्ति पाने के लिए एक बार देवराज इंद्र सहित समस्त देवता और ऋषि-मुनि भगवान भोलेनाथ की शरण में गए और इसके आतंक से मुक्ति की प्रार्थना की। देवी-देवताओं की प्रार्थना पर महादेव ने कहा कि अनलासुर से मुक्ति श्रीगणेश दिलवा सकते हैं इसलिए आप सभी को उनकी शरणागत होना चाहिए।

दूर्वा से गणेशजी की जलन हुई थी शांत

भगवान शिव के आदेश पर देवी-देवता और ऋषिगण श्रीगणेश के पास पहुंचे और उनसे अनलासुर के आतंक से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। देवताओं की विनय करने पर गणेश जी ने अनलासुर के साथ युद्ध करने का निश्चय किया। गजानन से अनलासुर के साथ भयानक संग्राम किया और उसको पराजित कर निगल लिया। अनलासुर के निगलने से गणपतिजी के पेट में जलन होने लगी और मुंह से तीव्र अग्नि निकली। पेट की जलन शांत करने के लिए महर्षि कश्यप ने गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठें बनाकर खाने के लिए दी। दूर्वा के सेवन से श्रीगणेश के पेट की जलन शांत हो गई। मान्यता है कि इसके बाद से ही गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुई।

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