नई दिल्ली। लंबे समय से चला आ रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया है। इस संबंध में अंतिम फैसले के लिए संयुक्त किसान मोर्चा गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर बैठक की गई। किसानों को सरकार की तरफ से औपचारिक पत्र मिला था।
किसानों की मांगें स्वीकार
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली है। पराली जलाने पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाएगा और आंदोलन के दौरान मारे गए सभी किसानों के परिवारों को मुआवज़ा दिया जाएगा। पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार पहले ही मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा कर चुकी है। वहीं आंदोलनकारी किसान सरकार की इस पहल से संतुष्ट हैं और घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं।
मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा
किसान नेता अशोक धावले ने कहा है कि सरकार की तरफ से एक आधिकारिक पत्र मिला है। इसके प्रस्तावों को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले सरकार ने सादे कागज पर किसानों को प्रस्ताव भेज चुकी है। इसके साथ ही सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर कमेटी गठित करने का भरोसा दिया है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतक किसानों के परिवारों के 5 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी का वादा किया है।