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Rain Disaster : बारिश से अन्नदाता हो रहा परेशान: किसानों की मेहनत हुई पानी – पानी खेतो में बस तबाई की मंजर किसान बोले- फसलें जमींदोज होने से छिन गया मुंह का निवाला

किसानों की मेहनत हुई पानी - पानी खेतो में बस तबाई की मंजर किसान बोले- फसलें जमींदोज होने से छिन गया मुंह का निवाला

Rain Disaster : बारिश ने बिगाड़ा किसानों का गणित,पहले बरीश नही हुई तो फसलों को हानि अब बरसात होने से ज्यादा नुकसान

आशीष यादव-धार ( ग्राउंड रिपोर्ट )/किसानों के ऊपर से परेशानी कम होने का नाम नही ले रही है कुदरत के कहर से किसान बेहाल हैं। पहले जब बारिश(Barish) की आवश्यकता थी जब बरसात हुई नही जब आज फसल पंक्क़कर तैयार खेतो में खड़ी है तो बारिश ने ऐसा कर कहर भरपाया किसने की फसलो को जमीदोष कर दिया है।

सितंबर महीना बीतने में एक सप्ताह बचा है मगर बारिश(rain) बन्द होने का नाम नही ले रही है वही खेतो में अगली वैराइटी की सोयाबीन की फसले पूरी तरह पककर तैयार है अब फसल कटवाकर खेतो से घर लाना है मगर बारिश(rain) के कारण किसान अपनी उपज घर लाना तो दूर अभी कटाई भी नही करवा पा रहे है

अगर समय रहते बारिश(rain) नही रुकी तो किसान ने जो खेतो में मेहनत कर पसीना बहाया वह पानी मे चला जायेगा जब फसलो को बारिश की आवश्यकता थी जब पर्याप्त बारिश नही हुई और अब फसल पककर तैयार है खेतो में खड़ी फसल ने किसानों की माथे चिंता बड़ा दी है बारिश(rain) ने इस बार फिर से अन्नदाता का गणित बिगाड़ दिया है।

मगर बारिश(rain) ने अगली वेराइटी की सोयाबीन को ज्यादा नुकसान पहुचाया उन्हें डर सता रहा है कि यदि इस समय बारिश नही रुकी तो सोयाबीन व अन्य फसलो को ज्यादा नुकसान होगा उसमें से बीज अंकुरित होने लग जायेगा व फसल खराब व दाग वाली हो जायेगी जिससे किसान द्वारा 4 महीने तक फसलो लालपन किया मगर उसका सही मूल्य नही मिलेगा।

यूं समझे नुकसान का आंकलन:

किसान ने बताया कि एक बीघा में सोयाबीन में लागत बीज 2700 रुपए, दवाई 2200 रुपए, ट्रेक्टर 1600 रुपए, खाद 720 रुपए, मजदूर 1200 रुपए, हार्वेस्टर 900 रुपए कुल 9 हजार रुपए एक बीघा में लागत आती है और उत्पादन इस बारिश(Barish) ने बिगाड़ दिया है जिसके कारण इस बार तीन से चार क्विंटल प्रति बीघा ही आना है।

वही किसान बता रहे कि सोयाबीन की फसलों में लगातार बारिश(rain) होने से इस बार दाना छोटा व दाग वाले ह्यो जायेगा व फसले लेटने से चमक खत्म होने से मंडियों में फसलों का भाव भी नही मिलेगा। ऐसे में किसानों को लागत भी निकालना मुश्किल हो जायेगा। कई किसान मजदूरों से तो कई बड़े किसान हार्वेस्टर से सोयाबीन कटाई करवाएंगे मगर अभी से किसानों के चेहरे मुरझाए दिख रहे है किसान राहुल चौधरी ने बताया कि मुश्किल से 3से 4 क्विंटल सोयाबीन निकल पाएगी, जबकि लागत प्रति एकड़ 9 से 10 हजार रुपए आ रही है। लेकिन सामने अगली फसल की तैयारियों के लिए आर्थिक संकट मंडरा रहा है।

आंखों के सामने बर्बाद होते देख रहे फसलो को:

पिछले दिनों लगातार हुई बारिश(rain) के चलते किसानों के चेहरे पीले पड़ गए हैं। खेत-खलिहानों में पड़ी पीला सोना कहलाने वाली सोयाबीन अब काली पड़ की कगार पर आ गई। इससे किसानों की हालत पस्त हो गई है। अधिकाश जगह फसल खराब हो चुकी है। सतत बारिश(rain) की मार झेल रहे किसानों को इस साल मानसून ने रुला दिया है। इसने सोयाबीन की फसलों को बर्बाद कर दिया है। रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण खेत-खलिहानों में खड़ी सोयाबीन फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में लहलहारी फैसले अब खेतो में लेटी हुई नजर आ रही है फसल पानी में डूब गई।

किसानों की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। लगातार हो रही बारिश ने खेतों से मंडी तक के सफर को मिट्टी में मिला दिया। लाचार किसान सोयाबीन की फसल को आंखों के सामने बर्बाद होते देखने को मजबूर हो रहा है। जिले के कई गांवों में सोयाबीन काटने और निकालने का काम शुरू ही हुआ था कि बारिश शुरू हो गई और देखते ही देखते शुक्रवार की दरमियानी रात में बारिश का दौर दो दिन तक चला इससे खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है। लेट वैराइटी की फसल अभी तक पकी नहीं थी मगर बारिश उसे की खराब कर दिया।

फसल सड़ने की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक एक दो दिन में फिर से मौसम खराब होने वाला है व तेज बारिश(rain) का अनुमान है। इस बार मानसून काफी मेहरबान रहा, इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश हुई। अब तक 37 इंच वर्षा हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष पूरे साल में 32 इंच वर्षा हुई थी। बता दें कि जिले में औसत वर्षा का आंकड़ा 5 इंच अधिक है।

सितम्बर के दूसरे सप्ताह में लगातार वर्षा से खरीफ सीजन की सोयाबीन आदि खेतों खलिहान फसलो में सड़ने की संभावना है और फलियों में अंकुर निकलने का डर है। शुक्रवार से रविवार तक बारिश(rain) का दौर जारी था जिससे किसानों की चिंता बढ़ दी थी अब अगर आगे भी वर्षा जारी रहती तो सोयाबीन की फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी। मानसूनी विदाई बेला में भी बरस रहा है। इससे फसलों को जबर्दस्त नुकसान हुआ है।

कैसे लाभ का धंधा बनाए खेती को:

शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद खेती लाभ का धंधा नहीं बन पा रही है। कभी मौसम की मार तो कभी प्राकृतिक आपदा के अलावा प्रशासनिक बदइंतजामी के कारण किसान को खेती में फायदा नहीं हो पा रहा है। मौजूदा समय में यदि किसानों की समस्याओं को सिलसिलेवार ढंग से देखें तो इसका अंत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अन्नदाता की मुश्किलों की कम होने का नाम ही नही है किसान तो प्रकतिक पर ही टीका हुआ है। अभी पटवारियों के हलताल से खेतो में सर्वे नही हो रहा है अगर सरकारी तंत्र अगर चाहे तो किसानों की उपज का सही दाम दिलवा दे तो ही किसानों का फायदा करवा सकता है।

बारिश किन फसलो को होगा नुकसान

सोयाबीन:

अधिकांश जगह सोयाबीन की कटाई का काम चालू होने वाला था व कहि जगह अभी खेतो में खड़ी है लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश(rain) के चलते फसल खराब होने का ज्यादा अनुमान है। किसानों ने बताया बारिश(rain) होने से दाने की रंगत बिगड़ेगी। फसल को नुकसान होगा। व मंडी में एक हजार से 15 सौ रुपए तक दाम कम मिलेंगे। वही बारिश मैं गीली हुई सोयाबीन की फसलों को खेतों से बहार लाने में लगता ज्यादा लगेगी क्योंकि खेतों में कटाई हुई फसलों को पलट कर खुखाने का काम करना होगा जिससे खेतों में मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ेगी।

सोयाबीन (barish)

कपास:

इस बार कपास की उपज अच्छी थी, लेकिन तेज बारिश(rain) के चलते डेंडू सड़नेे का डर लगा हुआ है वही चुनाई योग्य कपास गीला हो गया। इसके कारण क्वालिटी में गिरावट आई है। इसका असर भाव पर होगा। किसानों को फिर निराशा हाथ लग सकती है।

कपास:

मक्का:

इस बार सीजन में पहले ही मक्का की फसल अच्छी नहीं थी ओर ऊपर से बारिश(rain) होने से पक्के हुए मक्को के पौधों में पानी घुस जाने से मक्के की फसलो को भी नुकसान हो रहा है जिसे मक्के की फसल में अंकुरण होने का डर सता रहा है व दूसरी तरफ मक्के का बाजार भाव कब मिलेगा।

मक्का:

क्या करें किसान

एक और पहले ही बारिश(rain) ने किसानों को परेशान कर दिया है क्या करे किसान वही बारिश(rain) से खराब हुई सोयाबीन का भाव भी मंडियों ने सही नही मिलेगा किसान होता ही परेशानी के लिए पूरी जीवन काल ही परेशानी में गुजर जाता है वही लगातार बारिश(rain) होने से सरकार द्वारा खेतो में अभी तक नुकसान आकलन नही हुआ करे तो क्या करे क़ल अखबारों ने सरकारी तन्त्रो द्वारा बड़े शब्दो मे लिखा हुआ आयेगा के इतना बीमा मिला मगर जमीनीस्तर पर कुछ नही होता है।
रतनलाल यादव किसान अनारद

किसानों को अभी बारिश(rain) से नुकसांन

जाते-जाते मानसून ने किसानों को रुला दिया वही अगली वैरायटी की फसलों के लिए यह बारिश काफी नुकसान दाई रहे इस बारिश(rain) ने किसानों की फसलों पर दाग लगा दिया है जिसके कारण कहीं जगह सोयाबीन अंकुरित हो गई तो कहीं जगह सोयाबीन दाग व गीली हो गई जिससे मंडियों में सही भाव नहीं मिलेगा वह आने वाली फसलों के लिए भी खेतों को सुधारने के लिए वक्त लगेगा वही मजदूरों का नहीं मिलना भी किसानों के लिए परेशानी का सबक बन जायेगा वहीं जिले में पलायन के कारण मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं जिससे वह अपनी सोयाबीन की फसल नहीं कटवा सकेंगे वही अभी खेतो में 8 दिन हार्वेस्टर नही।
प्रकाश मंडलोई बिलोदा

किसानों को अभी बारिश(Barish) से नुकसांन

फसलों की कटाई में होगी देरी

लगातार बारिश(rain) की वजह से सोयाबीन मक्का व अन्य तैयार फसलों को भारी नुकसान हुआ हर। खेतों में तैयार सोयाबीन की फसल प्रभावित गई है किसान तैयार फसलों को भी अब कुछ दिन नहीं काट सकेंगे क्यो भी खेतो में गिला पन है। ऐसे हालत में भयभीत किसान अब खेत में कटाई करने से भयभीत है। प्रकृति के मौसमी बारिश(rain) से किसानों का धैर्य टूटता नजर आ रहा है।
जितेंद राजपूत किसान मलगाँव

खेतो में सर्वे का काम शुरू:

वही लगातार बारिश(rain) से फसलों को जो नुकसान हुआ है उसको लेकर राजस्व व कृषि विभाग की टीम खेतों में जाकर सर्वे कर रही है टीम जिला प्रशासन द्वारा टीम बनाकर नुकसानी आंकलन करवाया जा रहा है।
ज्ञानसिंह मोहनिया उपसंचालक कृषि विभाग धार

खेतो में जाकर देखी स्थिति

आज तहसील के गांवों में निरीक्षण किया है। सर्वे के लिए टीम का गठन कर दिया है। ग्राम सेवक के साथ पंचायत सचिव सहित तीन सदस्‍य दल सर्वे करेगा। नालों के आसपास खेतों में नुकसानी की स्थिति देखने को मिली है। सर्वे टीम नुकसानी का सर्वे करेगी।

खेतो में जाकर देखी स्थिति
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