DR BR Ambedkar Death Anniversary 2022: बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज यानी 6 दिसंबर को पुण्यतिथि मनाई जाती है। अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू के एक गांव में हुआ था। बाबा साहेब का बचपन आर्थिक और सामाजिक भेदभाव के बीच गुजरा। जब वह स्कूल में थे, तो उन्हें छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेलना पड़ा।
हालांकि विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अंबेडकर ने अपनी शिक्षा को पूरा किया और काबिलियत व मेहनत के बल पर 32 डिग्री हासिल की। उन्हें डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल हुई। छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का अंत करने के लिए उन्होंने दलित समाज के उत्थान का निर्णय लिया और इस दिशा में कार्य करना शुरू किया। बाद में बाबा साहेब संविधान सभा के अध्यक्ष बने। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर हर युवा के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। उनके अनमोल विचार प्रेरणा बनकर जीवन संघर्ष के लिए सभी को प्रोत्साहित करते हैं।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Mahaparinirvan Din Images 2020) की पुण्यतिथि हर वर्ष 6 दिसंबर को मनाई जाती है. इसे महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. बाबासाहेब आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को उनके दिल्ली स्थित आवास पर हुआ था.
संविधान निर्माण में बाबा भीम राव आंबेडकर का अहम योगदान
संविधान निर्माण में बाबा भीम राव आंबेडकर ने अहम योगदान निभाया. बाबा भीमराव आंबेडकर को अपने शुरूआती जीवन में काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा. उन्होंने तभी ठान लिया था कि वो समाज को इस कुरीति से मुक्ति दिलाने के लिए तत्पर रहेंगे.
डॉ भीमराव आंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू में 14 अप्रैल सन् 1891 को हुआ था और 6 दिसंबर 1956 को उनका देहावसान हुआ था. आइए आज उनकी पुण्यतिथि पर जानिए उनके महान विचार.
1- आदि से अंत तक हम सिर्फ एक भारतीय है.
2- हम जो स्वतंत्रता मिली हैं उसके लिए क्या कर रहे हैं? यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली हैं. जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है.
3- “स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है.
4- शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी पुरषों के लिए.
5- ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार है.
6- पुरुष नश्वर हैं. तो विचार हैं. एक विचार को प्रसार की आवश्यकता होती है जितना एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है. नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मरेंगे.
7- राजनीतिक अत्याचार, सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है. समाज को बदनाम करने वाले सुधारक सरकार को नकारने वाले राजनेता की तुलना में अधिक अच्छे व्यक्ति हैं.
- महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्य नहीं है.
9- एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक नहीं है कि असंतोष हो. जो आवश्यक है वह हैं न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास.
10- कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है. मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता. मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं.