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पोर्टल पर प्रदर्शित राशि से ज्यादा फीस की वसूली नहीं कर सकते महाविद्यालय, ज्यादा फीस लेने पर मान्यता होगी खत्म

इंदौर। कॉलेज द्वारा पोर्टल पर प्रदर्शित शुल्क से अधिक राशि की मांग की जाती है तो जांच के बाद संबंधित कॉलेज की मान्यता समाप्त की जाएगी। इस तरह का निर्देश सभी संस्थानों को दिया गया हैं। क्षेत्रीय अतिरित संचालक, उच्च शिक्षा, मप्र, सभी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव और सभी सरकारी, निजी, अनुदान प्राप्त कॉलेजों को ऑनलाइन ई-प्रवेश प्रक्रिया सत्र 2022-23 संबंधी निर्देश जारी किए गए।

उच्च शिक्षा मप्र, आयुत दीपक सिंह के अनुसार यूजी पहले वर्ष व पीजी पहले सेमेस्टर और शिक्षकीय पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स द्वारा कॉलेजों का चयन करने के लिए वरीयता की जा रही हैं। यूजी पहले वर्ष व पीजी पहले सेमेस्टर में आवेदक का चयन होने पर एक हजार रुपए आॅनलाइन जमा कर प्रवेश सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी तरह शिक्षकीय पाठ्यक्रमों में वरीयता के आधार पर चयन होने पर पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित शुल्क का 50 प्रतिशत शुल्क आॅनलाइन जमा कर प्रवेश लिया जा रहा है। ई-प्रवेश व शिक्षकीय पाठ्यक्रमों में प्रवेश सुनिश्चित होने पर निर्धारित फीस की शेष राशि का भुगतान तीन किश्तों में कॉलेज पर किया जाए। स्टूडेंट्स से विभाग के आॅनलाइन पोर्टल पर कॉलेजवार यूजी, पीजी व शिक्षकीय पाठ्यक्रम के लिए प्रदर्शित शुल्क ही कॉलेजों द्वारा लिया जाए। अगर अधिक राशि की मांग की जाती है तो जांच के बाद संबंधित कॉलेज की मान्यता समाप्त की जाएगी।

प्रवेश से जुड़े नियम बदलें

इन दिनों देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में एडमिशन का दौर चल रहा है। प्रवेश से जुड़े नियम बदलने से स्टूडेंट्स और संस्थानों को काफी परेशानी हो रही है। कई महाविद्यालयों में बाहरी जिलों के स्टूडेंट्स को सीटें आवंटित की गई हैं। कई स्टूडेंट्स का कहना हैं कि उन्होंने अपने जिले और आसपास के क्षेत्रों में कॉलेज चाहे थे, लेकिन हमें तो जिले के बाहर ही कर दिया गया, जो हमने सोचा भी न था। 30 प्रतिशत सीटों का आवंटनं किया गया: उच्च शिक्षा विभाग ने गत दिनों कॉलेज आवंटित किए हैं। मेरिट के आधार पर स्टूडेंट्स को एसएमएस पर अपने-अपने कॉलेजों की जानकारी दी गई। इसी बीच आवंटन की प्रक्रिया पर स्टूडेंट्स ने सवाल खड़े किए हैं। स्टूडेंट्स का कहना हैं कि च्वाइंस फिलिंग वाले पसंदीदा कॉलेज नहीं दिए गए हैं। इंदौर जिले में सरकारी कॉलेजोंं में मात्र 30 प्रतिशत सीटों का आवंटन किया गया है।

प्रक्रिया में बदलाव से असमंजस की स्थिति

जानकारों के अनुसार कॉलेजों में प्रवेश को लेकर विभाग ने प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। इसके कारण स्टूडेंट्स के सामने असमंजस की स्थिति बनी है। आवंटन सूची जारी हुई, लेकिन प्रदेशभर की छह लाख सीटों के लिए मात्र एक लाख स्टूडेंट्स को कॉलेज दिए गए। सीएलसी में पंजीयन के बाद बनेगी अलग सूची: ऑनलाइन काउंसलिंग के पहले चरण के पूरा होने से पहले ही सीएलसी में रजिस्टे्रशन शुरू कर दिए। इससे पहले विभाग ने पहले चरण में आवेदन कर चुके स्टूडेंट्स को सीट और कॉलेज आवंटित किए हैं। सूची के आधार पर स्टूडेंट्स को पांच दिन के अंदर फीस जमा करना हैं। एडमिशन के लिए कॉलेजों की पहली किस्त ऑनलाइन जमा करना है। पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन के लिए डॉयूमेंट्स की फोटोकॉपी जमा करवाना हैं। वहीं फीस भी ऑनलाइन भरना हैं। बाद में विभाग इन्हें कॉलेजों के बैंक खातों में ट्रांसफर करेगा। सीएलसी चरण में पंजीयन पूरे होने के बाद स्टूडेंट्स की अलग सूची बनेगी जिसमें पहले आवेदन कर चुके स्टूडेंट्स को भी शामिल किया जाएगा। इनके आधार पर मेरिट बनेगी और कॉलेजों में सीटें आवंटित की जाएगी। यह सूची कॉलेज अपने स्तर पर जारी करेगा, इसके बाद स्टूडेंट्स को 24 घंटे में प्रक्रिया पूरी करना रहेगी।

पीजी में दूसरे चरण के रजिस्ट्रेशन का आज अंतिम दिन

सीएलसी के तीन राउंड होंगे शिक्षा विभाग के शेड्यूल के मुताबिक सीएलसी के 3 राउंड होंगे। इसके साथ ही यूजी के लिए दूसरे चरण के रजिस्ट्रेशन खत्म हो गए हैं। इसमें कॉलेज, कोर्स, विषय समूह का विकल्प देना होगा और आॅनलाइन डॉयूमेंट़्स का वेरिफिकेशन भी इसी अवधि में होगा। पीजी में दूसरे चरण के रजिस्ट्रेशन 13 जून तक होंगे। कॉलेजों द्वारा यूजी की मेरिट लिस्ट 17 जून, पीजी की मेरिट लिस्ट 18 जून को नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। इसके तहत छात्रों को जो कॉलेज अलॉट होगा उसमें यूजी के लिए एडमिशन फीस 16 से 19 जून और पीजी में एडमिशन के लिए 20 जून तक फीस जमा करनी होगी। अपग्रेडेशन में रिक्त हुई सीट पर यूजी के लिए अलॉटमेंट 20 जून जबकि, पीजी के लिए 21 जून को जारी होंगे ।

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